पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर शक्ति प्रदर्शन करेंगी. राजधानी में ममता केंद्र सरकार के आर्थिक सुधारों पर हल्ला बोलने जा रही हैं.
गौरतलब है कि ममता डीजल के दामों में इजाफे, सब्सिडी वाले LPG सिलेंडरों की संख्या सीमित करने और खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश को मंजूरी देने के सरकार के फैसले से नाराज हैं. इस मसले पर उन्होंने केंद्र सरकार से अपना समर्थन भी खींच लिया था.
पहली बार होगा ऐसा
ये संभवत: पहला मौका है जब किसी राज्य का मुख्यमंत्री दिल्ली में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ इस तरह हल्ला बोलेगा. विरोध प्रदर्शन को कामयाब बनाने के लिए ममता शनिवार से ही दिल्ली में हैं. इस प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस के सभी 19 सांसद भी शामिल होंगे.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद के. डी. सिंह ने इस संबंध में कहा, 'खुदरा क्षेत्र में एफडीआई, सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सीमित करने और डीजल के मूल्यों में वृद्धि के निर्णयों की समीक्षा के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की खातिर बनर्जी ने राष्ट्रीय राजधानी में जंतर-मंतर पर रैली करने का अभूतपूर्व निर्णय किया है.’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शन पार्टी की इस प्रतिबद्धता का हिस्सा है कि वह ‘आम आदमी’ के साथ रहेंगी जो इस तरह के निर्णयों से सर्वाधिक आहत हुए हैं.
श्रृंखलाबद्ध प्रदर्शन की योजना
उन्होंने कहा, ‘यूपीए से समर्थन वापस लेना पहला कदम था. निर्णयों को वापस लिए जाने तक आगामी दिनों में श्रृंखलाबद्ध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है.’ यह पूछने पर कि क्या संसद में एफडीआई के खिलाफ भाजपा द्वारा लाए गए प्रस्ताव का तृणमूल कांग्रेस समर्थन करेगी तो पूर्व रेल मंत्री मुकुल राय ने सीधा जवाब नहीं दिया.
उन्होंने कहा, ‘कौन क्या लाता है, यह मुद्दा नहीं है. मूल मुद्दा है कि सरकार का निर्णय लोक विरोधी है. तत्कालीन वित्त मंत्री (प्रणब मुखर्जी) ने संसद को आश्वासन दिया था कि एफडीआई पर कोई भी निर्णय सभी पक्षों से विचार-विमर्श करने और सर्वसम्मति बनाने के बाद लिया जाएगा. ऐसा नहीं हुआ.’