मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन के सिंहस्थ मेले को छोड़कर प्रदेश के विभिन्न स्थलों में विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक मेलों के संचालन और व्यवस्था के लिए ‘तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण’ के गठन का निर्णय किया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रिमण्डल की बैठक में तय किया गया कि यह प्राधिकरण तीर्थ स्थानों की सांस्कृतिक परम्पराओं की संरक्षा एवं संवर्धन, उनकी उचित व्यवस्था, पर्यवेक्षण तथा पोषण सम्बन्धी उत्तरदायित्वों का निर्वहन करेगा.
इसके अलावा मंत्रिमण्डल ने 400 लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना का फैसला भी लिया है, जिनमें से 313 केन्द्र विकास ब्लाकों तथा 87 केन्द्र शहरी क्षेत्रों में खोले जाएंगे. जन-शासकीय भागीदारी -पीपीपी आधार पर स्थापित होने वाले इन केन्द्रों की वजह से लोगों को अब अपने आवेदन पेश करने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने होंगे.सरकार ने निजी भू स्वामियों की भूमि पर आवासहीनों द्वारा आवासीय संरचना बनाकर रह रहे व्यक्तियों को ऐसे भू-खण्डों पर अधिकार देने के लिए मध्यप्रदेश वासस्थान दखलकार (भू स्वामी अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1980 की अंतिम तिथि बढ़ाने का निर्णय भी किया है.