भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में विदेशी उपकरणों के इस्तेमाल पर व्यक्त की जा रही चिंताओं के बीच प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने देश में ही ऐसे उपकरणों के विकास पर जोर दिया है.
सिंह ने नीतिगत विवादों में उलझे घरेलू दूरसंचार सेवा क्षेत्र को यह आश्वासन भी दिया कि सरकार कंपनियों की चिंताओं पर गौर करेगी और प्रस्तावित नयी दूसरसंचार नीति में ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि यह क्षेत्र भविष्य में भी तेजी से प्रगति करता रहे.
प्रधानमंत्री नई दिल्ली में दूरसंचार क्षेत्र के छठी वाषिर्क अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी ‘इंडिया टेलीकाम 2011’ का उद्घाटन कर रहे थे. तीन दिन के इस कार्यक्रम का अयोजन दूसरसंचार विभाग और उद्योग मंडल फिक्की ने मिल कर किया है.
देश में ही दूरसंचार उपकरणों के निर्माण की जरूरत पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दूरसंचार नेटवर्क आयातित उपकरणों से भी खड़ा किया जा सकता है पर हमारे जैसे देश में जब एक विशल दूरसंचार नेटवर्क खड़ा करने के लिए लगातार भारी आयात की जरूरत पड़ती रहे तो यह चिंता का विषय बन जाता है.’
सिंह ने देश की बढती जरूरत और सामरिक हितों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘अपने देश में दूरसंचार उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि की संभावनओं तथा रणनीतिक और सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए दूरसंचार क्षेत्र में घरेलू अनुसंधान एवं विकास तथा विनिर्माण को प्रोत्साहन देना बहुत जरूरी हो गया है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि दूरसंचार उपकरण विनिर्माण क्षेत्र के फलने फूलने से इसके और भी सकारात्मक परिणाम होंगे. इससे इलेक्ट्रानिक सामानों के विनिर्माण के और भी पक्षों को बढ़ावा मिलेगा तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. उल्लेखनीय है कि चीन की कंपनियों से आयातित उपकरणों को लेकर गृह मंत्रालय और अन्य सुरक्षा एजेंसियां बराबर अपनी चिंताएं प्रकट करती आ रही हैं. यह चिंता नेटवर्क की सुरक्षा को लेकर है क्योंकि आशंका रहती है कि अयातित उपकरणों में कुछ ऐसे खुफिया यंत्र या सॉफ्टवेयर फिट किए जा सकते हैं जिससे नेटवर्क में सेंध लगाई जा सकती है.
सिंह ने कहा कि भारत में दूरसंचार क्षेत्र ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार इस क्षेत्र को भविष्य में और भी सफल बनाने के लिये हर संभव उपाय करने को लेकर प्रतिबद्ध है. हम इन उपलब्धियों को आगे बढ़ाने के लिये सभी संबद्ध पक्षों के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं.’ प्रधानमंत्री ने उद्योग को आश्वासन दिया कि प्रस्तावित नई दूरसंचार नीति दूरदर्शितापूर्ण तथा इस क्षेत्र की वृद्धि को तेज करने वाली होगी.