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हू ने अमेरिका से कहा, तिब्बत से दूर रहें

चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि तिब्बत से दूर रहे अन्यथा द्विपक्षीय संबंधों पर इसका असर पड़ेगा. एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने समकक्ष से कहा था कि उन्हें मुद्दे को सुलझाने के लिए दलाई लामा के प्रतिनिधियों से वार्ता करनी चाहिए.

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चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि तिब्बत से दूर रहे अन्यथा द्विपक्षीय संबंधों पर इसका असर पड़ेगा. एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने समकक्ष से कहा था कि उन्हें मुद्दे को सुलझाने के लिए दलाई लामा के प्रतिनिधियों से वार्ता करनी चाहिए.

हू इस समय अमेरिका की चार दिवसीय राजकीय यात्रा पर वाशिंगटन में हैं और किसी चीनी राष्ट्रपति की पिछले 13 साल में यह पहली अमेरिका यात्रा है. उन्होंने कहा कि ताइवान और तिब्बत उनके देश के मुख्य हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इससे 1.3 अरब चीनी लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं.

हू ने यूएस-चाइना बिजनेस कौंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे संबंधों के इतिहास की समीक्षा हमें बताती है कि दोनों देश एक दूसरे के प्रमुख हितों वाले मुद्दों से सही तरीके से निपटेंगे तो चीन-अमेरिकी संबंध सुचारू और तेज विकास के साक्षी होंगे. अन्यथा, हमारे रिश्तों को लगातार समस्या या यहां तक कि तनाव का भी सामना करना पड़ेगा.’ {mospagebreak}

हू ने कहा, ‘ताइवान और तिब्बत संबंधी मुद्दे चीन की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े हैं और वे चीन के महत्वपूर्ण हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनसे 1.3 अरब चीनी नागरिकों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. हमें उम्मीद है कि अमेरिका अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करेगा और कड़ी मेहनत से हमारे संबंधों ने जो प्रगति की है, उनका संरक्षण करेगा.’

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चीनी नेता की यह कड़ी टिप्पणी ओबामा द्वारा उनसे तिब्बत मुद्दे को सुलझाने के लिए दलाई लामा के प्रतिनिधियों से वार्ता करने को कहने के एक दिन बाद आयी है. ओबामा ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में हू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘अमेरिका तिब्बत को चीन का भाग मानता है, इसके बावजूद चिंताओं तथा मतभेदों को सुलझाने के लिए अमेरिका चीन सरकार तथा दलाई लामा के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत आगे बढ़ाए जाने को समर्थन देता रहेगा.’ {mospagebreak}

तिब्बत समेत मानवाधिकार मुद्दे को ओबामा तथा उनकी टीम ने व्हाइट हाउस में बुधवार को हू के नेतृत्व वाले चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ सटीक तरीके से उठाया. कैपिटल हिल में हू की अमेरिकी सांसदों से मुलाकात के दौरान भी तिब्बत और ताइवान के मुद्दे उठाए गए.

हू ने कहा, ‘चीन और अमेरिका, इतिहास, संस्कृति, सामाजिक व्यवस्था तथा विकास के स्तर पर भिन्न-भिन्न हैं. इसलिए हमारे बीच कुछ मतभेद या टकराव होना केवल सामान्य बात है. हमें द्विपक्षीय संबंधों को सामरिक तथा दीर्घकालिक परिदृश्य में देखना चाहिए और उन्हें हल करना चाहिए जिसमें इतिहास और भविष्य के प्रति जिम्मेदारी का भाव निहित हो.’

उन्होंने कहा, ‘हमें कोशिश करना चाहिए कि हमारे संबंध किसी एक घटना विशेष के बंधक न बनें. हमें आपसी विश्वास को बढ़ाने के साथ ही बाधाओं को दूर करते हुए आपसी सम्मान तथा आपसी हितों के आधार पर चीन-अमेरिका भागीदारी का मिलकर निर्माण करना चाहिए.’

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