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अजमल कसाब की किस्मत का फैसला आज

बंबई उच्च न्यायालय मुंबई हमलों के मामलों में दोषी ठहराए गए पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब की किस्मत का फैसला सोमवार को करेगा. नौ महीने पहले उसे मुंबई हमलों का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी.

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अजमल आमिर कसाब
अजमल आमिर कसाब

बंबई उच्च न्यायालय मुंबई हमलों के मामलों में दोषी ठहराए गए पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब की किस्मत का फैसला सोमवार को करेगा. नौ महीने पहले उसे मुंबई हमलों का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी.

न्यायमूर्ति रंजना देसाई और न्यायमूर्ति आर वी मोरे की खंडपीठ सोमवार को कसाब को दी गई मौत की सजा की पुष्टि पर फैसला सुनाएगी. इसके अलावा, मुम्बई हमलों में मदद के आरोपी दो भारतीयों को बरी करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर भी फैसला सुनाया जाएगा.

निचली अदालत ने फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद को छह मई को बरी कर दिया था. इसी दिन कसाब को दोषी ठहराया गया था. कसाब ने खुद को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ भी अपील दायर की थी. अदालत सोमवार को उसे दी गई मौत की सजा की पुष्टि पर सुनवाई के अलावा, इस पर भी सुनवाई करेगी.

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अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कसाब को दी गई मौत की सजा को न्यायसंगत ठहराते हुए कहा कि ये हमले लश्कर की साजिश का परिणाम हैं.{mospagebreak}

अपनी अपील में कसाब ने तर्क दिया कि पुलिस ने उसे इस अपराध की साजिश में फंसाने के लिए गिरगांव चौपाटी पर फर्जी मुठभेड़ की. उसने हमलों के दौरान महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, पुलिस अधिकारी अशोक कामटे और मुठभेड़ विशेषज्ञ विजय सालस्कर की हत्या के आरोपों को भी नकार दिया.

कसाब कुछ मौकों पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से उच्च न्यायालय में पेश हुआ. एक बार उसने कैमरे पर थूक भी दिया और न्यायाधीशों से कहा कि वह अपना मुकदमा अमेरिका की अदालत में चलवाना चाहता है.

अदालत ने कसाब और उसके साथियों के आतंकवादी हमलों में शामिल होना प्रदर्शित करने वाले सीसीटीवी फुटेज दो बार देखे. कसाब के वकील अमीन सोलकर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कसाब को फंसाने के लिए सीसीटीवी के कुछ फुटेज दबा लिए.

सोलकर ने दावा किया कि कसाब सीएसटी पर हमला करने वाले आतंकवादियों में शामिल नहीं था और अभियोजन ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए जो तस्वीरें पेश कीं, उन्हें बदल दिया गया है. कसाब ने कहा कि वह 26 नवंबर, 2008 से काफी पहले ही समझौता एक्सप्रेस से दिल्ली आया था, जहां से वह बाद में हिंदी फिल्में देखने मुंबई आया था. उसे हमलों के दौरान जुहू समुद्रतट से गिरफ्तार किया गया.

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उच्च न्यायालय के आस-पास सुरक्षा घेरा बहुत मजबूत कर दिया गया है और अदालत के कक्ष क्रमांक 49 में प्रवेश करने के लिए मीडियाकर्मियों को विशेष पास जारी किए गए हैं.

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