अजमेर ब्लास्ट मामले में एटीएस के आरोपपत्र में शामिल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरआरएस) के नेता इंद्रेश कुमार ने गुरुवार को दावा किया कि उनके खिलाफ चल रहा मामला पूरी तरह से मनगढ़ंत और राजनीतिक षड्यंत्र का नतीजा है जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इस आरोप को खारिज कर दिया.
कुमार ने कहा कि मामले में जब एटीएस ने पहले ही आरोपपत्र दायर कर दिया है तब कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गृहमंत्री शांति धारीवाल लगभग प्रतिदिन मीडिया में मेरे खिलाफ क्यों टिप्पणी कर रहे हैं.
उन्होंने चुनौती दी, वे (कांग्रेस के मंत्री और नेता) अदालत जाने से क्यों झिझक रहे हैं. उन्हें आरोप पत्र में दिए गए सबूत के साथ पहले अदालत जाने दीजिए. हम अदालत में मुकदमा लड़ेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या वे अजमेर विस्फोट से पहले वर्ष 2005 में गुजरात समाज अतिथि गृह में फर्जी नाम से तीन दिन तक रुके थे, इस पर कुमार ने कहा कि इन सभी सवालों पर मैं कहना चाहूंगा कि यह पूरी तरह से मनगढ़ंत कहानी है और मुझे बदनाम करने, तथा मेरे करियर को कलंकित करने के लिए यह राजनीतिक साजिश है.
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अजमेर विस्फोट मामले में अपनी सरकार के किसी हस्तक्षेप को खारिज करते हुए कहा कि एटीएस पर कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा कि अदालत में आरोप पत्र पहले से ही दायर है. ऐसे में एटीएस पर हस्तक्षेप या दबाव कैसे हो सकता है.
इससे पहले धारीवाल ने दावा किया था कि कुमार ने विस्फोट किस प्रकार किया जाए इस संबंध में दिशा निर्देश दिया था. धारीवाल ने कहा कि उन्होंने (इंद्रेश कुमार) दिशा निर्देश दिए थे. कौन इसे करेगा कौन बम बनाएगा, कौन विस्फोट करेगा, कौन धन तथा मोबाइल मुहैया करायेगा और कौन मीडिया को नियंत्रित करेगा.