मुंबई हमले के सह आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ सुनवाई के दौरान अमेरिकी अदालत में बतौर गवाह पेश हुए डेविड कोलमैन हेडली ने बताया कि उसने पुणे में जर्मन बेकरी की टोह ली थी और दिल्ली, पुष्कर एवं पुणे में बम विस्फोटों के लिए चबाड़ हाउस परिसरों की भी पहचान की थी.
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी हेडली ने अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष द्वारा पांच दिनों की पूछताछ के बाद अपनी गवाही पूरी करते हुए यह बात कही.
दरअसल, शिकागो की एक अदालत में मुंबई हमले के एक अन्य सह आरोपी और अपने बचपन के दोस्त तहव्वुर राणा की सुनवाई के दौरान हेडली ने अपनी गवाही दी. राणा पर चल रहे मुकदमे के दौरान बयान देते हुए हेडली ने कहा कि उसने जर्मन बेकरी का वीडियो बनाया था जिस पर 13 फरवरी 2010 को हमला किया गया था, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गयी थी.
जर्मन बेकरी पर हमले के वक्त हेडली एफबीआई की हिरासत में था. छठे दिन की सुनवाई के दौरान हेडली ने कहा कि उसने दिल्ली, पुष्कर और पुणे में चबाड़ हाउस भवनों की सूची तैयार की थी, जिन्हें निशाना बनाया जा सकता था.
जर्मन बेकरी पुणे में चबाड़ हाउस और एक ओशो आश्रम के पास स्थित है. जर्मन बेकरी विस्फोट ‘कराची प्रोजेक्ट’ का हिस्सा था जिसमें लश्कर ने इंडियन मुजाहिदीन के साथ साजिश रची थी. इससे पहले हेडली ने
एफबीआई को बताया था कि उसने बेकरी का मुआयना नहीं किया था लेकिन बाद में उसने भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों के समक्ष कबूल कर लिया कि उसने टोह ली थी.
50 वर्षीय हेडली को 26/11 के आतंकी हमलों तथा अन्य साजिशों के मामले में आतंकवाद के 12 आरोपों में दोषी पाया गया. हेडली ने यह भी कहा कि उसने अपनी जिंदगी पर एक किताब लिखने और फिल्म बनाने की योजना बनाई थी. वहीं, राणा के वकील पैट्रिक ब्लेगन ने कहा कि हेडली ने अपनी पत्नी समेत अनेक लोगों को यह बताया था.
हेडली ने कहा, ‘यदि मैं किताब लिखता हूं तो बहुत सारा धन हासिल कर सकता हूं.’ उसने कहा कि उसने 26/11 के मुंबई हमलों की साजिश में राणा को शामिल कर उसे ‘मूर्ख’ बनाया.
हेडली ने राणा के वकील से कहा, ‘मैंने उसे (राणा को) मूर्ख बनाया. बेचारा इसमें फंस गया, जबकि उसकी कोई गलती नहीं थी. मैंने अपने काम में मदद पाने के लिए उसे मूर्ख बनाया.’ उसने जहां अपना दोष कबूला,
वहीं राणा का कहना है कि वह आतंकवाद में मदद देने के मामले में दोषी नहीं है.
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि हेडली ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों से भूठ बोला था और उसने अपनी जिंदगी बचाने के लिए राणा को फंसा दिया. पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा के वकीलों ने हेडली से जिरह की.
बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि हेडली ने तमाम तरह की जिंदगी जी और अपने दोस्त का वषरें तक इस्तेमाल किया. राणा और हेडली किशोरावस्था में पाकिस्तान के एक सैन्य स्कूल में मिले थे.
हेडली ने माना कि वह गोपनीय तरीके से इंटरनेट पर राणा के घर की तलाश कर रहा था। वकील ब्लेगन ने कहा, ‘जैसा कि उम्मीद थी, इस शख्स का बहुत परेशानी वाला इतिहास और अतीत रहा है.’ उन्होंने कहा,
‘मेरा मानना है कि उसने सवालों का जवाब हां में दिया क्योंकि हमारे पास उसकी बात काटने के लिए दस्तावेज थे.’ हेडली ने यह योजना भी बनाई थी कि जेल से रिहा होने के बाद वह अपनी पत्नी शाजिया के साथ धार्मिक काम करेगा और दुनिया को इस्लाम के बारे में बताएगा. वह अदालत से कम सजा की उम्मीद कर रहा है.
उसने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे भी ऐसा करें. मेरा मानना है कि इस्लाम के बारे में मीडिया में गलत धारणा है.’ हेडली ने अपनी पत्नी से कहा है कि उसके जेल में बंद रहने के दौरान वह कुरान के साथ
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वह भारत, पाकिस्तान या डेनमार्क को प्रत्यर्पित किए जाने और मौत की सजा से बचने के एवज में कथित सह-आरोपी राणा के खिलाफ गवाही दे रहा है. इस मामले में मुकदमा 15 जून तक चल सकता है.