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आम पर्यटकों के लिए जनवरी से खोला जाएगा वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व

भारत नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के प्रसिद्ध बाघ संरक्षण क्षेत्र वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व को अगले वर्ष जनवरी से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. पर्यटक वहां ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की सैर और सफारी का मजा ले सकेंगे.

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भारत नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के प्रसिद्ध बाघ संरक्षण क्षेत्र वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व को अगले वर्ष जनवरी से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. पर्यटक वहां ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों की सैर और सफारी का मजा ले सकेंगे.

वाल्मिकीनगर में भी सैलानी अब जिम कार्बेट, रणथंभौर और गिर जैसे रिजर्व क्षेत्र और राष्ट्रीय पार्क का आनंद उठा सकेंगे. पर्यटन को बढावा देने के लिए टाइगर फाउंडेशन तथा ब्रांड एंबेसडर जैसी नयी तरकीबों का सहारा लिया जा रहा है.

राज्य सरकार वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व को एरिया को इको टूरिज्म सेंटर के रूप में विकसित करना चाहती है. वर्ष 2012 में जनवरी महीने में टाइगर रिजर्व स्थित वाल्मिकी विहार के 12 कमरे पर्यटन होटल को पूरी तरह सौंदर्यीकृत और आधुनिकीकृत किया जाएगा. राज्य सरकार ने सौंदर्यीकरण के लिए 23.50 लाख रुपये आवंटित किये हैं.

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राज्य के उपमुख्यमंत्री और वन एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया, ’वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व को पर्यटकों के लिए आकषर्क बनाया जाएगा और यहां इको टूरिज्म को विकसित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि वाल्मिकीनगर को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए 24 लाख रुपये की लागत से छह पर्यटक हट बनाए जाएंगे. पर्यटकों को इस प्रकार की सारी सुविधाएं जनवरी माह में उपलब्ध होंगी.

राज्य सरकार ने रिजर्व एरिया में पर्यटकों के भ्रमण के लिए वाहनों की भी व्यवस्था करने का निर्णय किया है. इसके लिए खुली जीप जैसे वाहनों की व्यवस्था की जाएगी. राजधानी पटना से पर्यटकों के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

वन एवं पर्यावरण मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि जनवरी 2012 से प्रत्येक सप्ताह एक टूरिस्ट बस सेवा पटना से वाल्मिकीनगर के लिये शुरु करने का निर्देश दिया गया है. विभाग को इस बस सेवा के माध्यम से दो दिन एवं एक रात का एक विशेष टूरिज्म पैकेज तैयार करने को कहा गया है. उन्होंने पर्यटन विभाग तथा वन विभाग के अधिकारियों को असम के काजीरंगा वन क्षेत्र से चार हाथी वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व एरिया के लिये मंगाने का निर्देश दिया है, जिसका उपयोग वन्य पशुओं की निगरानी एवं वन परिभ्रमण के लिये किया जायेगा.

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मोदी ने अधिकारियों को वाल्मिकीनगर रिजर्व एरिया के विकास हेतु केन्द्र प्रायोजित योजना मद से प्राप्त होने वाली 3.59 करोड रुपये की संपूर्ण राशि को चरणबद्ध व्यय हेतु तत्पर रहने का निर्देश दिया.

वाल्मिकीनगर क्षेत्र को सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत स्वीकृत 45 लाख रुपये की लागत से बनने वाले पर्यटन केन्द्र, आकषर्क संग्रहालय एवं एक आडिटोरियम का भी निर्माण कराने के लिये विस्तृत परियोजना प्रस्ताव :डीपीआर: अविलंब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. इसी कार्यक्रम के तहत वाल्मिकीनगर में पुल पुलिया, कल्वर्ट और आधारभूत संरचना का निर्माण आदि हो सकेगा.

सरकार रिजर्व के जानवरों की सुरक्षा के प्रति सतर्क है इसके लिए पांच स्थानों पर एंटी पोचिंग कैंप भी स्थापित करने का निर्देश दिया गया है.

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में टाइगर फाउडेंशन का गठन होगा और ब्रांड एंबेसडर के चयन की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी.

पश्चिम चंपारण के जिला मुख्यालय बेतिया से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात है. यह इलाका नरकटियागंज रेलवे स्टेशन के करीब है.

वन्य प्राणियों के अलावा पर्यटकों के लिए गंडक नदी पर बना बराज, इस क्षेत्र की गहरी घाटियां और अपरदन के कारण बनी संरचनाएं दर्शनीय होंगी. गंडक और मसान नदियों से घिरे इस टाइगर रिजर्व में कई सहायक नदियां भी हैं जो जैव विविधता को संरक्षण देती हैं. कहा जाता है कि यह शिवालिक पहाड़ियों की ही एक कडी है.

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देश का 18वां बाघ संरक्षण क्षेत्र 800 वर्ग किलोमीटर में फैला है. बाघ संरक्षण क्षेत्र से सटा चितवन राष्ट्रीय पार्क है जो नेपाल में पड़ता है. यहां ऐतिहासिक वाल्मिकी रिषि का आश्रम है और मंदिरों से घिरा है.

आधिकारिक जानकारी के अनुसार रिजर्व में बाघों की संख्या करीब आठ है लेकिन पर्यटकों के लिए अच्छी बात है कि अन्य वन्यप्राणी जंगली सूअर, मोर, हिरण आदि बडी संख्या में मौजूद हैं. वाल्मिकी नगर क्षेत्र में गंडक बराज से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है वाल्मिकी ऋषि का आश्रम भी बहुत महत्व का है. कहा जाता है कि यहीं पर रामायण लिखी गयी और मर्यादा पुरुषोत्तम राम के पुत्र लव और कुश का जन्म हुआ.

टाइगर रिजर्व क्षेत्र के आसपास के तीन से चार किलोमीटर के दायरे में वाल्मिकी आश्रम, जटाशंकर मंदिर, त्रिवेणी मंदिर, कालेश्वर मंदिर आदि है. पुरातात्विक रूप से वाल्मिकीनगर के आसपास कई महत्वपूर्ण क्षेत्र हंै जिनमें लौरिया नंदन गढ और सोमेश्वर किला भी शामिल है. लौरिया का अशोक स्तंभ पूरे विश्व में विख्यात है. 2000 हजार वर्ष बीतने के बावजूद अब भी इस स्तंभ की शोभा देखने लायक है.

पर्यटक यहां त्रिवेणी का भी दर्शन कर सकते हैं यहां नारायणी, सोहना और पंचनद का मिलन गंडक नदी में होता है.

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बिहार के पर्यटन मंत्री सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि वाल्मिकीनगर नेपाल हेरिटेज बिल्डिंग का भी पर्यटक नये रुप में दीदार कर पायेंगे. सरकार ने जनवरी 2012 से पहले इसका जीर्णोद्धार करने के लिए वन विभाग को 22.50 लाख रुपये का आवंटन किया है.

उन्होंने कहा कि इस हेरिटेज बिल्डिंग का ऐतिहासिक महत्व है. यह नेपाल नरेश का है. यही पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन नेपाल नरेश शमशेर जंग बहादुर राणा के बीच ऐतिहासिक भारत नेपाल शांति और मंत्री संधि 1950 हुई थी.

पिंटू ने बताया कि वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व में पहले कानून व्यवस्था और नक्सल समस्या के कारण पर्यटकों का आना जाना कम था. अब इस समस्या पर काबू पा लिया गया है.

उन्होंने बताया कि टाइगर रिजर्व में सफारी भ्रमण के लिए सरकार ने दो खुली जीपों के आर्डर भी दिये हैं. इससे पर्यटकों के लिए आकषर्ण बढ जाएगा. पर्यटकों को पटना से लाने ले जाने के लिए बिहार राज्य पर्यटन निगम दो वोल्वो बस मंगा रहा है.

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