सरकार ने तेलंगाना के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी.एन. श्रीकृष्णा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि समिति आंध्र प्रदेश में सभी वर्ग के लोगों से और अलग-अलग राजनीतिक दलों एवं समूहों से व्यापक बातचीत करेगी. समिति के अन्य सदस्यों में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति प्रो. डॉ. रणवीर सिंह, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ रिसर्च फैलो डॉ. अबूसलेह शरीफ, आईआईटी दिल्ली की डॉ. (सुश्री) रविंदर कौर तथा पूर्व गृह सचिव विनोद के. दुग्गल होंगे. दुग्गल समिति के सदस्य सचिव के तौर पर भी काम करेंगे. प्रवक्ता ने कहा कि नियम एवं शर्तों की रुपरेखा तैयार की जा रही है और समिति के अध्यक्ष के साथ बातचीत के बाद इन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा.
उधर हैदराबाद में तेलंगाना राष्ट्र समिति ने कहा कि वह अपने विचार रखने से पहले समिति की नियम शर्तों का इंतजार करेगी. तेलंगाना राष्ट्र समिति के विधायक और पार्टी अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव के बेटे के.टी रामा राव ने कहा, ‘‘यदि ऐसा होता है तो हम कुछ उम्मीद कर सकते हैं. यदि यह तेलंगाना पर एक कदम पीछे होगा तो हम इससे खुश नहीं होंगे. हम एक समयसीमा के अंदर तेलंगाना राज्य के निर्माण के लिए समिति की मांग कर रहे हैं.’’
गौरतलब है कि गृहमंत्री चिदंबरम ने पिछले हफ्ते कहा था कि अलग तेलंगाना के निर्माण की मांग पर अध्ययन करने के लिए समिति की घोषणा जल्दी ही की जाएगी. चिदंबरम ने पांच जनवरी को आंध्र प्रदेश के राजनीतिक दलों के साथ मुलाकात में कहा था कि तेलंगाना मुद्दे पर प्रणाली पर बातचीत करने का और एक रोडमैप तैयार करने का एजेंडा है.