नोएडा विकास प्राधिकरण की ओर से नोएडा एक्सटेंशन में अधिग्रहित की गयी बाकी भूमि के अधिग्रहण के रद्द होने की संभावनाओं से डरे करीब डेढ़ लाख फ्लैट मालिकों ने मांग की है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय को किसानों की ओर से दायर की गयी याचिकाओं के साथ-साथ उनका पक्ष भी सुनना चाहिए.
उच्चतम न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में ग्रेटर नोएडा के एक हिस्से नोएडा एक्सटेंशन के शाहबेरी गांव में स्थानीय विकास प्राधिकरण की ओर से अधिगृहीत किए गए 156 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण को रद्द करने के इलाहाबाद न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा.
नोएडा एक्स्टेंशन में फ्लैट बुक करने वालों के हितों की रक्षा करने के लिए गठित नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट बायर्स वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद पास के गांव के किसानों ने भी अपने भूमि अधिग्रहण को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.
एसोसिएशन का कहना है कि शाहबेरी मामले में कुल 6500 फ्लैट खरीदने वाले प्रभावित हुए हैं. मगर शाहबेरी के अलावा जिन जगहों पर लोगों ने फ्लैट बुक किए हैं उनकी संख्या करीब एक लाख है.
नोएडा एक्सटेंशन के बाकि इलाके में भी भूमि अधिग्रहण का वही तरीका था जो शाहबेरी गांव का था.