scorecardresearch
 

मिस्र की सेना ने कहा, ‘जल्द नहीं छोड़ेंगे सत्ता’

मिस्र के सत्तारढ़ सैन्य शासन ने तत्काल सत्ता छोड़ने संबंधी लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों की मांगों को खारिज कर दिया, लेकिन कहा कि संसदीय चुनावों को तय समय पर कराया जाएगा.

Advertisement
X
मिस्र की सेना
मिस्र की सेना

मिस्र के सत्तारढ़ सैन्य शासन ने तत्काल सत्ता छोड़ने संबंधी लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों की मांगों को खारिज कर दिया, लेकिन कहा कि संसदीय चुनावों को तय समय पर कराया जाएगा. दूसरी तरफ, सुप्रीम काउंसिल ऑफ आम्र्ड फोर्सेज (एससीएएफ) ने प्रदर्शनकारियों की मौत पर खेद जताते हुए इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला चलाने का वादा भी किया. सैन्य शासकों ने यह घोषणा गत छह दिनों से सड़कों पर जारी हिंसा में कम से कम 39 लोगों के मारे जाने और तीन हजार से अधिक लोगों के घायल होने के बाद अस्थायी संघषर्विराम लागू होने के बीच की है.

एससीएएफ के सदस्य जनरल मुख्तार अल-मुल्ला ने कहा, ‘लोगों ने हम पर विश्वास कर हमारे हाथों में एक अभियान सौंपा हैं और अगर हम इसे अभी छोड़ देते हैं तो यह लोगों के साथ विश्वासघात होगा.’ विरोध प्रदर्शनों को शांत करने वाले कदम के तहत मुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमारा मकसद सत्ता में रहना या सत्ता का त्याग करना नहीं है, बल्कि लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करना है.’

एक अन्य घटना में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान सैन्य परिषद के मेजर जनरल ममदौह शाहिन ने कहा कि चुनावों को तय समय पर कराया जाएगा. शाहिन ने प्रदर्शनकारियों को यह आश्वासन भी दिया कि जो लोग प्रदर्शनकारियों की हत्या या उनको घायल करने के जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा हिरासत में लिए गए बंदियों को भी रिहा किया जाएगा.

Advertisement

सैन्य शासकों ने फेसबुक पर जारी बयान में कहा, ‘एससीएएफ तहरीर चौक पर हाल में हुई घटनाओं में मिस्र की वफादार संतानों की मौतों पर गहरा खेद जताती है.’ बयान में कहा गया है, ‘परिषद इसके साथ ही मिस्र के शहीदों परिवारों के प्रति संवेदना भी जताती है.’ एससीएएफ ने गत छह दिन के दौरान हुई उस हिंसा की त्वरित जांच का भी वादा किया जिसमें 39 लोगों की मौत हो गई और तीन हजार से अधिक लोग घायल हो गए. इसके साथ ही उसने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भी वादा किया.

Advertisement
Advertisement