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प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर नरम पड़ी भाजपा

कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर पीएम के इस्तीफे की मांग पर अड़ी बीजेपी नरम पड़ती नजर आ रही है. इस मुद्दे पर सुषमा स्वराज और लालकृष्ण आडवाणी के सुर नरम पड़ते दिख रहे हैं.

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लालकृष्ण आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी

कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर पीएम के इस्तीफे की मांग पर अड़ी बीजेपी नरम पड़ती नजर आ रही है. इस मुद्दे पर सुषमा स्वराज और लालकृष्ण आडवाणी के सुर नरम पड़ते दिख रहे हैं.

सुषमा ने ट्वीट पर कहा है कि कोयला आवंटन रद्द करने और निष्पक्ष जांच के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. उनके ट्वीट में कहीं भी पीएम के इस्तीफे को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है. सोनिया गांधी से बातचीत के बाद सुषमा स्वराज के रुख में नरमी आई है.

वहीं पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने अपने ब्‍लॉग पर सरकार से दो मांगे रखी हैं. आडवाणी की पहली मांग कोयला आवंटन रद्द करने की है जबकि उनकी दूसरी मांग मामले की न्‍यायिक जांच कराने की है. आडवाणी के ब्लॉग में भी पीएम के इस्तीफे को लेकर कोई चर्चा नहीं है.

पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के द्वारा दिए जा रहे संकेत यही बताते हैं कि पार्टी पीएम के इस्तीफे पर नरम हो रही है. हालांकि पार्टी में एक तरह से इस मुद्दे पर मतभेद भी सामने आ रहे हैं.

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वहीं बीजेपी नेता राजनाथ सिंह और अरुण जेटली प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर अड़े हुए है. अरुण जेटली ने कहा कि गुनहगार कोई भी हो उसपर कार्रवाई होनी चाहिए. घोटाले में अगर पीएम भी शामिल तो हो तो उनपर भी कार्रवाई हो.

BJP नेता राजनाथ सिंह ने साफ़ कर दिया है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जब तक इस्तीफ़ा नही देते और कोल व्लॉक आवंटन रद्द कर जांच के आदेश नही हो जाते तब तक BJP संसद नही चलने देगी. उन्होंने कहा कि संसद नही चलने देने के लिए खुद कांग्रेस जिम्मेदार है.

संसद में जारी गतिरोध को खत्म करने की कोशिश में सरकार जुटी हुई है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय ने कोयला मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि जिन 58 कोल ब्लॉक्स के बारे में जांच चल रही हैं उस पर जल्दी से फैसला किया जाए.

इस मामले में इंटर मिनिस्ट्रीरियल ग्रुप की बैठक सोमवार को होनी है और उम्मीद है कि बैठक में कुछ कोल ब्लॉक्स पाने वाले पर गाज गिर सकती है.

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