केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा में आंदोलन में उतरे जाट नेताओं को बातचीत के लिए राजधानी दिल्ली बुलाया है ताकि इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण हल निकाला जा सके.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री पी चिदंबरम और सामाजिक न्याय मंत्री मुकुल वासनिक सरकार की तरफ से यशपाल मलिक के नेतृत्व में आने वाले 11 सदस्यीय जाट प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करेंगे. उत्तर प्रदेश और हरियाणा में विरोध प्रदर्शन कर रहा जाट समुदाय केंद्र सरकार की नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के अंतर्गत आरक्षण की मांग कर रहा है.
आंदोलनरत जाटों के साथ बातचीत का फैसला राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति (सीसीपीए) की बैठक में किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की. इस बैठक में एटॉर्नी जनरल जी वाहनवती भी मौजूद थे. {mospagebreak}
भाजपा के सदस्य रामदास अग्रवाल के इस मुद्दे को राज्यसभा में उठाने पर संसदीय मामलों के राज्यमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा था कि सरकार इस मामले में बुधवार को संसद में बयान देगी. पिछले एक सप्ताह से जारी जाट आंदोलन से रेल यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
देश के उत्तर हिस्सों के कई क्षेत्रों में प्रदर्शनकारी रेल लाइनों पर बैठे हुए हैं जिसके कारण ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है. जाटों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें 17 मार्च तक पूरी नहीं की गई तो वे दिल्ली को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रोक देंगे. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि वे मथुरा रिफाइनरी से तेल की आपूर्ति बाधित कर देंगे.