वाराणसी में मंगलवार को हुई विस्फोट की घटना को लेकर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार तब आमने-सामने हो गयी, जब केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि शहर के दशाश्वमेध घाट पर हमले की आशंका जताता विशिष्ट परामर्श जारी किया गया था, जबकि राज्य सरकार ने कहा कि यह हिदायत दशहरे के संदर्भ में थी.
वाराणसी में शीतला घाट स्थित घटनास्थल का दौरा करने और अस्पताल में घायलों से मुलाकात करने के बाद चिदंबरम ने कहा कि राज्य की ओर से कुछ ढिलाई बरती गयी है. लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि वह यहां कोई ‘जुगलबंदी’ करने या किसी पर आरोप लगाने नहीं आये हैं.
गौरतलब है कि वाराणसी में मंगलवार को गंगा आरती के दौरान शीतला घाट पर यह विस्फोट हुआ. शीतला घाट के समीप ही दशाश्वमेध घाट है. दोनों घाटों पर गंगा आरती के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है.
चिदंबरम ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इस वर्ष तीन बार परामर्श भेजकर सुरक्षा उपायों में मुस्तैदी बरतने की हिदायत दी गई थी. इस वर्ष 25 फरवरी को पुणे विस्फोट के बाद, 26 नवंबर को मुंबई हमलों की बरसी के मौके पर और छह दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी पर राज्य सरकार से खास तौर पर चौकस रहने को कहा गया था.{mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक उत्तर प्रदेश की बात है, 25 फरवरी 2010 को एक विशिष्ट परामर्श भेजा गया, जिसमें कहा गया कि दशाश्वमेध घाट आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाये जा सकने वाले स्थानों में से एक है. लिहाजा, फरवरी 2010 में ही इस घाट के संभावित तौर पर निशाने पर होने की पहचान कर ली गयी थी.’’
चिदंबरम ने कहा, ‘‘मेरे विचार से पुलिस ने कुछ व्यवस्थाएं की थीं. लेकिन चूंकि आरती वर्षों से हर रात हो रही है, इसलिये किसी तरह की ढिलाई हो गयी होगी. यह मान लिया गया होगा कि कई हफ्तों और महीनों से यह आरती शांतिपूर्ण रही है और यह शांतिपूर्ण बनी रहेगी.’’ उन्होंने बताया कि जिन गंगा घाटों पर रोज आरती होती है, उन्हें खास तौर पर संवेदनशील बताकर विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया था, लेकिन सुरक्षा खामियों के चलते यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई.
बहरहाल, उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने लखनऊ में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केन्द्र की तरफ से राज्य को आतंकवादी घटना सम्बन्धी कोई निश्चित और कार्रवाई योग्य कोई खुफिया सूचना नहीं दी गई थी.{mospagebreak}
सिंह ने मुख्यमंत्री मायावती की ओर से जारी बयान पढ़ते हुए कहा कि किसी आतंकवादी घटना के लिये उप्र सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराना कतई उचित नहीं है और सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति नहीं की जानी चाहिये.
उन्होंने बताया कि गत 25 फरवरी को केन्द्र द्वारा भेजे गए सुरक्षा परामर्श में दशाश्वमेध घाट को निशाना बनाए जाने के बारे में कहा गया था. मगर वह दशहरे के परिप्रेक्ष्य में था. इसके अलावा 26 नवम्बर और छह दिसम्बर को भेजे गये परामर्श में भी कोई कार्रवाई योग्य सूचना नहीं थी.
कैबिनेट सचिव ने कहा कि जिस परामर्श में दशाश्वमेध घाट को निशाना बनाए जाने की बात कही गई थी उसे जारी किये हुए काफी वक्त बीत चुका है और करीब एक वर्ष बाद किसी सूचना को कार्रवाई योग्य कैसे माना जा सकता है.
सिंह ने मायावती के हवाले से कहा कि केन्द्रीय एजेंसियों ने राज्य को विस्फोट की आशंका सम्बन्धी कोई विशिष्ट कार्रवाई योग्य सूचना नहीं दी थी. उन्होंने कहा, ‘‘खुफिया सूचना का लाभ तभी होता है जब वह सुस्पष्ट तथा कार्रवाई करने योग्य हो.’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मायावती का कहना है कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाना अच्छी तरह जानती है और उसने सीमित संसाधनों के बल पर ही अयोध्या फैसले के बाद संभावित परिस्थितियों पर पूर्ण रूप से काबू रखकर अमन चैन कायम रखा. इसका सकारात्मक असर पूरे देश पर पड़ा और शांति बनी रही.{mospagebreak}
उधर, वाराणसी में घटनास्थल का दौरा करने के बाद चिदंबरम ने कहा कि विस्फोट में दो वर्ष की बच्ची स्वस्तिका की मौत हुई है. कुल 40 लोगों को घायलावस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से नौ को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है. शेष जख्मी लोगों में से कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं है .चिदंबरम ने बताया कि घायलों में छह विदेशी थे, जिनमें से दो को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
केंद्रीय गृहमंत्री ने इस दुखद हादसे के बाद शहर में शांति और अमन कायम रखने तथा माहौल को सामान्य बनाए रखने के लिए बनारस की जनता को बधाई दी. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश के तौर पर इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है, लेकिन शहर की बहादुर जनता ने अपने हौसले से हमलावरों के मनसूबों को नाकाम कर दिया.
राज्य सरकार की अतिरिक्त सुरक्षा बलों की मांग के संदर्भ में चिदंबरम ने कहा कि सुरक्षा का इंतजाम करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और केन्द्र सरकार उसमें सहयोग करती है. उन्होंने बताया कि राज्य को सुरक्षा बलों की अतिरिक्त बटालियन दी गई है और बनारस में केन्द्रीय आरक्षी पुलिस बल की एक बटालियन तैनात है.{mospagebreak}
इस बीच आगरा से आई फोरेंसिक टीम ने नमूने बटोर लिए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही विस्फोट की प्रकृति के बारे में जानकारी मिल सकेगी. हालांकि पुलिस प्रशासन ने अपनी प्रारंभिक जांच के बाद कहा था कि यह कम से मध्यम क्षमता वाला विस्फोट था. हालांकि, दिल्ली से भी एक फोरेंसिक टीम यहां पहुंचने वाली है. वहीं, सुरक्षा एजेंसियां सीसीटीवी के फुटेज की जांच कर रही है.
पुलिस ने दशाश्वमेध घाट और शीतला घाट के बीच स्थित विस्फोट स्थल पर अवरोधक लगा दिये हैं. लोगों को नदी में डुबकी लगाने की इजाजत नहीं जा रही है. शीतला मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार को बंद कर दिया गया है. शहर के अन्य घाटों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आयी है.
शहर के एडीएम अटल कुमार राय ने कहा कि हम सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं. वाराणसी के शीतला घाट पर मंगलवार शाम साढ़े छह बजे गंगा आरती के दौरान बम विस्फोट में एक बच्ची की मौत हो गई थी और 40 अन्य घायल हुए थी.