विपक्ष द्वारा शीला दीक्षित को हमलों का निशाना बनाये जाने के बीच दिल्ली सरकार ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़ी परियोजनाओं पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री या किसी भी अन्य राजनीतिक नेता पर दोषारोपण नहीं किया गया है और इसे लेकर अनावश्यक रूप से राजनीति की जा रही है.
दिल्ली के परिवहन मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि सरकार ने कैग की रिपोर्ट का अध्ययन किया है और इसमें दीक्षित या किसी भी अन्य राजनीतिक प्रमुख पर दोषारोपण नहीं किया गया है बल्कि इसमें शहर में बुनियादी सुविधाओं के विकास संबंधी कार्यों के लिए दिल्ली सरकार की प्रशंसा की गयी है.
उन्होंने कहा कि हमने रिपोर्ट पढ़ी है, रिपोर्ट में कही भी मुख्यमंत्री या किसी अन्य मंत्री या किसी अधिकारी का नाम नहीं लिया गया है. किसी पर भी दोष नहीं लगाया गया है. उनके नामों का कोई जिक्र नहीं है. मुख्यमंत्री को कहां दोषी ठहराया गया है?
ऑडिट रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा करने वाली दिल्ली मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब सिर्फ कैग की रिपोर्ट पर अनावश्यक तौर पर राजनीति की जा रही है. कुछ लोग रिपोर्ट को लेकर राजनीतिक बढ़त हासिल करना चाहते हैं. कहीं भी रिपोर्ट में भ्रष्टाचार या घोटाला जैसे शब्दों का जिक्र नहीं है.
दीक्षित के इस्तीफे की मांग पर विपक्ष पर हमला बोलते हुए लवली ने कहा कि अगर कैग रिपोर्ट में मात्र नाम का जिक्र होने पर ही सरकारें इस्तीफा दे देतीं तो हर मार्च में केन्द्र और राज्य के स्तर पर सरकारें बदल जाती.
कैग ने स्ट्रीटस्केपिंग और सड़कों पर रोशनी की व्यवस्था से जुड़ी कुछ परियोजनाओं में अनेक अनियमितताओं का पता लगाया था जिसके कारण वित्तीय नुकसान हुआ है.
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