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नई प्रणालियों से युक्त 'ब्रह्मोस' का परीक्षण

भारत ने ओडिशा के तट पर स्थित चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से शुक्रवार को नई प्रणालियों से युक्त सुपरसोनिक यानी ध्वनि की गति से भी तेज चलने वाली ‘ब्रह्मोस’ क्रूज मिसाइल का एक और परीक्षण किया.

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ब्रह्मोस’ क्रूज मिसाइल
ब्रह्मोस’ क्रूज मिसाइल

भारत ने ओडिशा के तट पर स्थित चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से शुक्रवार को नई प्रणालियों से युक्त सुपरसोनिक यानी ध्वनि की गति से भी तेज चलने वाली ‘ब्रह्मोस’ क्रूज मिसाइल का एक और परीक्षण किया.

यह परीक्षण ऐसे समय में किया गया जब दो दिन पहले ही रक्षा वैज्ञानिकों ने इसी जगह से ऐसा ही एक परीक्षण किया था.

एक आला अधिकारी ने बताया कि करीब 10 बजे सुबह आईटीआर के ‘लॉंच कॉम्प्लेक्स-3’ से एक ग्राउंड मोबाइल लॉंचर से मिसाइल को दागा गया. करीब 290 किलोमीटर तक की मारक क्षमता से लैस ‘ब्रह्मोस’ 200 से 300 किलोग्राम पारंपरिक युद्धक सामग्री अपने साथ ले जाने में सक्षम है.

भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम वाली मिसाइल प्रणाली को विकसित करने की जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस’ के सीईओ और एमडी ए.सिवतनु पिल्लई ने बताया कि आज का प्रक्षेपण ब्रह्मोस के जमीनी संस्करण के विकास से जुड़ा ट्रायल था जिसमें कुछ नयी प्रणालियां निहित है.

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पिल्लई ने कहा कि मिसाइल के परीक्षण की निगरानी रखने वाली विभिन्न टेलीमेट्री प्रणालियों से प्राप्त आंकड़ों का हम विश्लेषण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गहन विश्लेषण के बाद ही सटीक नतीजों का पता लगाया जा सकेगा.

एक रक्षा वैज्ञानिक ने कहा कि यह परीक्षण इसलिए अहम है क्योंकि दो दिन पहले 28 मार्च को इसी जगह से इसी तरह के एक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया था.

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