नौसेना ने रविवार को गोवा तट पर एक युद्धपोत से 290 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया जो 300 किलोग्राम परंपरागत विस्फोटक ले जा सकती है.
सूत्रों ने कहा, ‘इस क्रूज मिसाइल का रविवार सुबह गोवा तट से भारतीय नौसेना के निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तेग से प्रायोगिक परीक्षण किया गया जिसे हाल ही में रूस से लिया गया है.’ उन्होंने कहा कि मिसाइल ने उच्च स्तर के कौशल का प्रदर्शन किया और लक्षित जहाज को निशाना बनाया जिसमें अब भी आग लगी हुई है.
रूस के यांतर शिपायार्ड में बनाये गये आईएनएस तेग ने पिछले साल नौसेना में शामिल किये जाने से पूर्व रूस में परीक्षण के दौरान सफलतापूर्वक मिसाइल दागी थी.
दो अन्य युद्धपोतों आईएनएस तरकश और आईएनएस त्रिकंद को इस बेहद घातक मिसाइल से लैस किया जायेगा.
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि दो चरणों वाली इस मिसाइल का पहला चरण ठोस और दूसरा रैमजेट लिक्विड प्रोपेलेंट है. इस मिसाइल को पहले ही सेना और नौसेना में शामिल किया जा चुका है. इस मिसाइल का वायुसेना संस्करण अंतिम चरण में है.
आईएनएस राजपूत में तैनाती से ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के पहले संस्करण को भारतीय नौसेना में वर्ष 2005 में शामिल किया गया था और यह अब सेना की दो रेजिमेंट में पूरी तरह से सक्रिय है. उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस का वायुसैनिक संस्करण और पनडुब्बी से दागे जाने वाले संस्करण का कार्य प्रगति पर है.
सेना ने अब तक अपनी तीन रेजिमेंट के लिये आदेश दिया है और इसमें से दो पहले ही सक्रिय हो गई हैं.
रक्षा मंत्रालय ने सेना को मिसाइल के तीसरे रेजिमेंट के लिये मंजूरी दे दी है जिसे अरूणाचल प्रदेश में तैनात किया जायेगा. ब्रह्मोस भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है.