बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार को देश के समक्ष एक ज्वलंत समस्या बताते हुए कहा कि इसे दूर करने के लिए उनकी सरकार कदम उठा रही है और जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार रूपी बीमारी को जड़ से मिटाया जाएगा.
देश के 65वें स्वतंत्रता दिवस पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ध्वाजारोहण के बाद अपने संबोधन में नीतीश ने कहा कि बिहार के लोगों ने उन्हें दूसरी बार जनादेश दिया है. उन्हीं के समर्थन से वह प्रशासन में चुस्ती लाने और भ्रष्टाचार मिटाने की कोशिश कर रहे हैं.
नीतीश ने कहा कि भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री समेह अन्य सभी मंत्री अपनी संपत्ति की घोषणा करेंगे.
उन्होंने कहा कि हमलोगों ने न केवल अपनी संपत्ति की घोषणा की बल्कि उसे राज्य सरकार के वेबसाइट पर डाल दिया और यह काम हर वर्ष जनवरी के पहले सप्ताह में होगा.
नीतीश ने कहा ‘इसके साथ-साथ हमलोगों ने तय किया कि हमारे जितने भी श्रेणी एक, श्रेणी दो और श्रेणी तीन के अधिकारी और सरकारी कर्मी हैं वे प्रति वर्ष 28 फरवरी तक अपनी संपत्ति की घोषणा करेंगे और उसे सरकारी वेबसाइट पर डाला जाएगा.
उन्होंने कहा कि जब यह निर्णय लिया गया तो इसे लेकर अंदर-ही-अंदर कुछ चर्चाएं हो रही थीं मगर वह दृढ़ रहे और यह काम पूरा हुआ. उन्हें इस बात की खुशी है कि अब पूरे देश में कमोबेश यह अपनाया जाने लगा है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के जरिए अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले लोक सेवकों की संपत्ति जब्त करने के लिए कानून बनाया था. इस कानून के तहत कई मामलों में संपत्ति जब्त करने का आदेश भी दिया गया है. उन्होंने कहा कि मामलों के जल्द निपटारे के लिए छह विशेष न्यायालयों का गठन किया गया है.
नीतीश ने कहा कि राज्य में लोकायुक्त संस्था को और सशक्त बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पंचायतों और नगर निकायों में व्यप्त भ्रष्टाचार पर नजर रखने और यथोचित कार्रवाई करने के लिए सरकार ने लोक प्रहरी के गठन का निर्णय किया है.
नीतीश ने कहा कि विभिन्न प्रकार के दाखिल खारिज, पासपोर्ट बनाने तथा अन्य प्रमाण पत्र बनाने में आए दिन रिश्वत मांगने की शिकायतें मिलती रहती हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता का अधिकार है कि उन्हें सरकारी संस्थाओं से उनके हक की सभी लोक सेवाएं बिना पैसे खर्च किए मिले. इसको ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार ने लोक सेवा अधिकार कानून बनाया है. इसे आज से लागू किया जा रहा है.
नीतीश ने कहा कि लोक सेवाएं अब समय सीमा के भीतर प्रदान की जाएंगी, ऐसा नहीं होने पर आवेदकों को अपील का अधिकार है.
उन्होंने कहा कि समय पर सेवाएं नहीं देने वालों पर जुर्माना लगेगा ,साथ ही इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा. इसके आधार पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी और उनकी नौकरी भी जा सकती है.