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असम में बंद से आम जनजीवन अस्त व्यस्त

निचले असम के जिलों में हिंसा के विरोध में बजरंग दल द्वारा आहूत 12 घंटे के बंद से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इन जिलों में स्थिति शांत है और हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है.

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असम
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निचले असम के जिलों में हिंसा के विरोध में बजरंग दल द्वारा आहूत 12 घंटे के बंद से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इन जिलों में स्थिति शांत है और हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बंद समर्थकों ने राज्य के अलग अलग हिस्सों में टायर जलाये और वाहनों पर पत्थर फेंके जिसके बाद गुवाहाटी, धुबरी में गोलोकगंज और अगोमोनी में पांच सौ लोगों को ऐहतियातन हिरासत में ले लिया गया.

सूत्रों ने बताया कि स्कूल, कालेज और शैक्षणिक संस्थान, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, वित्तीय संस्थान बंद हैं और सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति बहुत कम है.

वाहन सड़क से नदारद हैं और राज्य परिवहन निगम की कुछ बसें पुलिस की सुरक्षा में चल रही हैं.

उन्होंने बताया कि यहां मालीगांव में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के पास भी बंद समर्थकों को ऐहतियातन हिरासत में लिया गया. ये लोग रेलवे के कर्मचारियों को ड्यूटी पर जाने से रोक रहे थे. हालांकि रेल और हवाई सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस ने इस बंद का समर्थन किया है. गत शाम से निचले असम के जिलों में हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है जहां शुक्रवार से सात लोगों की मौत हो चुकी है और दो अन्य घायल हैं.

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इससे पिछले एक महीने से अधिक समय से चल रही हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 87 हो गई है. कोकराझार, चिरांग और धुबरी में रात का कर्फ्यू जारी है और सेना गश्त लगा रही है.

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