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जाति के आंकडे एकत्र करने की पक्षधर है भाजपा

भारतीय जनता पार्टी ने आज कहा कि वह मौजूदा जनगणना प्रक्रिया में जाति के आंकडे एकत्र करने की पक्षधर है क्योंकि इसके सही आंकडे उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से उच्चतम न्यायालय, मंडल कमीशन और अन्य संस्थाओं को दिक्कत पेश आती रही हैं.

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भारतीय जनता पार्टी ने आज कहा कि वह मौजूदा जनगणना प्रक्रिया में जाति के आंकडे एकत्र करने की पक्षधर है क्योंकि इसके सही आंकडे उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से उच्चतम न्यायालय, मंडल कमीशन और अन्य संस्थाओं को दिक्कत पेश आती रही हैं.

भाजपा के राज्यसभा में उप नेता एस एस अहलूवालिया ने जनगणना में जाति के आंकडे एकत्र किये जाने का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘ 1931 की जनगणना में जाति के आंकडों को शामिल किया गया था. उसके बाद देश का बंटवारा हुआ, जब कुछ लोग पाकिस्तान गये या फिर भारत आये. हमें जाति के सही आंकडों की जरा भी जानकारी नहीं है. ’’ केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस मुद्दे पर कल बातचीत की लेकिन कोई आम सहमति नहीं बन सकी हालांकि सूत्रों ने कहा कि अधिकांश मंत्रियों ने जाति को जनगणना में शामिल किये जाने का समर्थन किया.

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भाजपा भी महसूस करती है कि जनगणना से गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों का वास्तविक आंकडा मिल सकेगा क्योंकि इस उद्देश्य से गठित लकडावाला समिति, सक्सेना समिति और तेंदुलकर समिति जैसी समितियों ने गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के बारे में अलग अलग आंकडे दिये.

आजाद ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में एक अच्छी बात यह हुई है कि देश में प्रजनन दर में कमी आयी है और यह वर्ष 2008 में गिरकर 2.6 प्रतिशत हो गयी है. हम इस बात का हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि वर्ष 2012 तक कुल प्रजनन दर गिरकर 2.1 प्रतिशत हो जाये. इसके लिए अनेक कदम भी उठाये गये है . उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि देश में 14 राज्यों ने यह लक्ष्य हासिल कर लिया है लेकिन कुछ राज्य आज भी इस दिशा में पीछे चल रहे हैं. जनसंख्या स्थिर करने के लिए इन राज्यों में प्रशासनिक तंत्र को और मजबूत करना होगा और लोगों में अधिक जागरूकता पैदा करनी होगी.

विख्यात कृषि वैज्ञानिक डा एम एस स्वामीनाथन ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि देश में वर्ष 1950 में जब जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया तो वह बहुत ही सही तरीके से सही दिशा में चल रहा था लेकिन उसके कुछ साल के बाद वह अपनी दिशा से भटक गया और उस पर उतना ध्यान नहीं दिया गया जितना दिया जाना चाहिए था.

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उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में तेजी से बढ रही जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए यह देखना होगा कि यदि हमारी जनसंख्या नीति सही दिशा में नहीं चल रही है तो हमें उसे परिस्थिति के अनुसार बदलना होगा और सही दिशा में चलाना होगा, तभी हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते है.

ै डा स्वामीनाथन ने कहा कि हमें देश में जनसंख्या के स्थिरीकरण नीति अपनानी होगी जो महिलाओं की स्थिति, गरीबी और जनसांख्यकीय रूचि को ध्यान में रखकर बनायी जानी चाहिए ताकि देश का कोई भी व्यक्ति अपनी संतान अचानक पैदा करने की बजाय अपनी इच्छा से करे ताकि वह सुखी जीवन व्यतीत कर सके.

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