अपने बागी नेता बी एस येदियुरप्पा के पार्टी से जल्द ही बाहर जाने को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शनिवार को इसके संभावित परिणामों पर चर्चा की और निर्णय किया कि पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों को लेकर दिन भर चली बैठक में अधिकतर नेताओं ने येदियुरप्पा के क्षेत्रीय पार्टी बनाने और बीजेपी पर इसके प्रभाव पर चिंता जाहिर की. अधिकतर नेता चाहते थे कि केंद्रीय नेतृत्व उन्हें पार्टी में बनाए रखे.
अवैध खनन मामले में पिछले वर्ष जुलाई में मुख्यमंत्री पद से हटने पर बाध्य किए जाने के बाद येदियुरप्पा ने कहा था कि वह अगले महीने अपनी पार्टी बनाएंगे और बीजेपी में खुद को बनाए रखने के कयासों को खारिज कर दिया.
मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, भाजपा के महासचिव एच. एन. अनंत कुमार, राज्य इकाई के अध्यक्ष के. एस. ईश्वरप्पा और पूर्व मुख्यमंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने भी विचार-विमर्श में हिस्सा लिया.
राज्य इकाई के उपाध्यक्ष और सांसद नलिन कुमार कतिल ने यहां कहा कि बैठक में पार्टी में चल रही गतिविधियों पर चर्चा हुई और ‘अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं’ के मुताबिक काम करने का निर्णय किया गया.
बैठक में पार्टी महासचिव और कर्नाटक मामलों के प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों, जिला स्तरीय प्रमुखों, मंत्रियों और सांसदों के साथ कई बैठकें कीं.
महासचिव रघुनाथ मलकापुरे ने कहा, ‘येदियुरप्पा को बनाए रखने के लिए हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं. हमें उम्मीद है कि नौ दिसम्बर नहीं आएगा (इस तारीख को हावेरी में पूर्व मुख्यमंत्री अपने नए संगठन कर्नाटक जनता पक्ष की शुरुआत करेंगे).’
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी येदियुरप्पा के कुछ वफादारों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने पर विचार कर रही है. इससे पहले ईश्वरप्पा ने येदियुरप्पा के दावे को खारिज कर दिया कि शेट्टार सरकार बीजेपी केजेपी (कर्नाटक जनता पार्टी) का गठबंधन है और कहा कि यह बीजेपी सरकार है. उन्होंने संकेत दिए कि येदियुरप्पा की रैली में शामिल होने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.