सरकार और कांग्रेस के कड़े रुख के बाद अपने तेवर तीखे करते हुए गांधीवादी अन्ना हज़ारे ने कहा है कि जब तक सत्तारूढ़ दल सावंत आयोग की रिपोर्ट को लेकर उन पर ‘बेबुनियाद’ आरोप लगाने के लिये माफी नहीं मांग लेता या सरकार आरोपों को साबित नहीं कर देती, तब तक वह अनशन जारी रखेंगे.
सरकार और कांग्रेस के हमलों से आहत नजर आ रहे गांधीवादी कार्यकर्ता द्वारा कड़े तेवर अपना लेने के बाद दोनों पक्षों के बीच जारी गतिरोध में अब और तल्खी आ गयी है.
कांग्रेस ने रविवार को कहा कि हज़ारे उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने वाले सावंत आयोग के गंभीर ‘निष्कर्ष’ पर स्पष्टीकरण दे. उधर, सरकार ने हज़ारे के प्रस्तावित अनशन के फैसले को ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘अस्वीकार्य’ करार दिया.
केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल तथा कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी की प्रेस कांफ्रेंस के तुरंत बाद हज़ारे ने भी संवाददाता सम्मेलन बुलाया और कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में खुद पर रत्ती भर भी दाग नहीं लगने दिया. मुझ पर लगे आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं.’’
उन्होंने ऐलान किया, ‘‘कांग्रेस या तो माफी मांगे अथवा सरकार मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर मुझ पर लगे आरोप साबित कर दिखाये. जांच होने तक अनशन जारी रहेगा, फिर चाहे जनलोकपाल विधेयक संसद में पेश ही क्यों न हो जाये. खुद भ्रष्टाचार करने वाले मुझसे पूछते हैं कि मेरे ट्रस्ट के पास धन कहां से आया? मैंने लोगों से पांच और 10 रुपये इकट्ठे कर आंदोलन चलाये हैं. सरकार 100 रुपये का भ्रष्टाचार भी साबित कर दिखाये.’’
हज़ारे की इस घोषणा से असमंजस की स्थिति उत्पन्न हुई. इस पर उनके साथी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने पुष्टि की कि लोकपाल विधेयक और अपने ऊपर लगे आरोप, दोनों ही मुद्दों पर हज़ारे 16 अगस्त से अनशन करेंगे.