मजबूत लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर मंगलवार से प्रस्तावित अनशन से पहले अन्ना हज़ारे के खिलाफ लगे कांग्रेस के आरोपों पर हज़ारे पक्ष ने दावा किया है कि इस तरह के आरोप सत्तारूढ़ दल की ‘घबराहट’ को दर्शाते हैं.
कांग्रेस ने हज़ारे के आंदोलन करने के नैतिक अधिकार पर निशाना साधते हुए गांधीवादी कार्यकर्ता से न्यायमूर्ति पीबी सावंत आयोग द्वारा उनके तथा उनके ट्रस्ट के खिलाफ पाये गये गंभीर निष्कर्ष पर स्पष्टीकरण मांगा है.
इस पर हज़ारे की साथी कार्यकर्ता किरण बेदी ने कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी अपनी पार्टी का बचाव करने के तनाव में प्रतीत होते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के आरोप भ्रष्टाचार के सभी पीड़ितों तक अन्ना का आह्वान पहुंचने से कांग्रेस को जाहिरा तौर पर हुई घबराहट दर्शाते हैं.’’
किरण ने कहा कि हज़ारे जैसे लोगों का होना इस देश का सौभाग्य है. हज़ारे पद्मभूषण और पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कर चुके हैं, जो इस बात का पहला आधार है कि यह सब उन्हें उनकी ईमानदारी के बूते हासिल हुआ है. उन्होंने कहा कि या तो भ्रष्टाचार को कुचल दें या भ्रष्टाचार आपको कुचल दे, इसके लिये तैयार रहें.
किरण बेदी ने ट्वीटर पर लिखा कि हज़ारे का 16 अगस्त को अनशन शुरू करना एक मौका है. अन्ना यहां हमेशा नहीं रहेंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता तिवारी ने अन्ना हज़ारे पर देश को अस्थिर करने की सुव्यवस्थित तरीके से कोशिश करने और संसद का अपमान करने का आरोप लगाया है.