अजमेर विस्फोट मामले के एक आरोपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता ने सीबीआई और तहलका पत्रिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए दिल्ली की एक अदालत में गुहार लगाई है.
यह प्राथमिकी स्वामी असीमानंद के इकबालिया बयान को सार्वजनिक करने के लिए दर्ज कराने की मांग की गई है. देवेंद्र गुप्ता ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट संजय बंसल के समक्ष यह याचिका दायर की है. मजिस्ट्रेट ने इस मामले में अपना आदेश कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. राजस्थान एटीएस ने गुप्ता के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है.
गुप्ता ने आरोप लगाया है कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने आपराधिक दंड संहिता की धारा 164 के तहत असीमानंद का इकबालिया बयान रिकॉर्ड किया था, जिसे सीबीआई ने कानून का उल्लंघन करते हुए तहलका को लीक कर दिया.
गुप्ता के वकील अनुपम एस शर्मा और संजीव नासियार ने कहा, ‘मीडिया के कवरेज से पता चलता है कि यह पूरी तैयारी से किया गया लीकेज है, जिसकी रुपरेखा न्यायिक प्रक्रिया का अपमान करने के लिए तैयार की गई थी.
अदालत की सुनवाई को लीक करने से मीडिया को उसी मामले में साथ-साथ मुकदमा चलाने के लिए मंच मिल जाता है, जो अदालत की कार्यवाही को प्रभावित करता है और यह हिरासत में बंद आरोपी के अधिकारों का उल्लंघन है.’