एक स्थानीय अदालत ने दरगाह परिसर में वर्ष 2007 में हुए बम धमाके के दो आरोपियों मुकेश वासाणी और हषर्द का पुलिस रिमांड अवधि 23 नवम्बर तक के लिए बढा दी.
राजस्थान पुलिस के आतंकवाद दस्ते ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रतन लाल मूंड की अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों अभियुक्तों मुकेश वासाणी और हषर्द को पेश किया. एटीएस ने मुकेश वासाणी और हषर्द को इस महीने के शुरूआत में गिरफ्तार किया था.
एटीएस के अधिकारी सत्येन्द्र सिंह राणावत ने सफी संत ख्वाजा मोइनुद्दिन हसन चिश्ती की दरगाह में 11 अक्टूबर 2007 को हुए बम धमाके की जांच कर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 22 अक्टूबर को तीन आरोपियों देवेन्द्र कुमार गुप्ता, लोकेश शर्मा और चन्द्रशेखर लेवे के खिलाफ चालान पेश किया था. चालान में दो फरार आरोपियों संदीप डांगे और रणजीत को भी आरोपी बनाया है.
एटीएस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307,133ए, 295 और 120 बी के तहत पेश किये चालान में आठ सौ छह पेज है. चालान में आरएसएस के इन्द्रेश कुमार का नाम भी शामिल है.
चालान में कहा गया है कि इन्द्रेश कुमार सुनील जोशी, रणजीत, देवेन्द्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, संदीप डांगे, और प्रज्ञा सिंह ने 31 अक्टूबर 2005 को जयपुर के एमआईरोड स्थित गुजराती भवन के कमरा नम्बर 26 में गोपनीय बैठक करने का जिक्र है.