अदालती कार्यवाही के दौरान मुस्कराने के एक दिन बाद पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब ने उसे सुनायी गयी मौत की सजा पर पुष्टि के लिये बंबई उच्च न्यायालय में हो रही सुनवाई के दौरान मंगलवार को पुलिसकर्मियों पर गुस्सा जाहिर किया और वेब कैमरे पर थूक दिया.
मुंबई हमलों में संलिप्तता के लिये निचली अदालत ने कसाब को मौत की सजा सुनायी है. कसाब ने आर्थर रोड जेल में मौजूद पुलिसकर्मियों पर अचानक गुस्सा किया. अदालत कक्ष में मौजूद वीडियो स्क्रीन पर उसे पुलिस से बहस करते देखा गया. बहरहाल, 23 वर्षीय कसाब जो कह रहा था, उसे सुना नहीं गया क्योंकि ऑडियो सिस्टम काम नहीं कर रहा था.
सुनवाई के पहले सत्र के बाद कसाब ने कैमरे पर थूका और गुस्से में कहा, ‘मैं (अदालत में) आना चाहता हूं.’ सुनवाई कर रहे खंडपीठ के सदस्य न्यायमूर्ति रंजना देसाई और न्यायमूर्ति आर वी मोरे फिर भोजनावकाश के लिये चले गये.
इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही कसाब ने अनुरोध किया कि उसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के बजाय अदालत में निजी तौर पर हाजिर होने दिये जाये. उसने शौचालय जाने की अनुमति मांगी और कहा, ‘मैडम, मैं कोर्ट में आना चाहता हूं.’ इस पर न्यायमूर्ति देसाई ने कहा, ‘यह चलन में नहीं है. हम सबूतों पर गौर नहीं कर रहे हैं. हम सिर्फ दलीलें सुन रहे हैं. अपने वकील से बात करो.’ {mospagebreak}
बहरहाल, कुछ देर बाद कसाब बेचैन हो गया और उसने पुलिसकर्मियों के साथ बहस शुरू कर दी जिसे सुना नहीं जा सका. जब सुनवाई दोबारा शुरू हुई तो कसाब ने कहा, ‘मुझे अमेरिका भेज दो. मैं बाहर की दुनिया देखना चाहता हूं. आपने मुझे यहां क्यों रखा है?’ न्यायाधीशों ने कसाब से कहा कि वह अमेरिका जाने के आग्रह के बारे में अपने वकील से बात करे. कसाब को फिर झुंझलाते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग छोड़कर जाते देखा गया.
इसके बाद न्यायाधीशों ने टिप्पणी की कि कानून के तहत यह जरूरी नहीं है कि कसाब अदालत में मौजूद रहे. न्यायाधीशों से जब यह शिकायत की गयी कि कसाब ने भोजनावकाश के दौरान कैमरे पर थूक दिया था तो उन्होंने कहा, ‘उसके द्वारा थूकना अपेक्षित नहीं था. चूंकि कसाब खुद ही चला गया है तो इसमें अदालत कुछ नहीं कर सकती.’ कसाब को सोमवार को सुनवाई के दौरान मुस्कराते और जम्हाई लेते देखा गया था. उसे देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि उसे अपने कृत्य पर कोई अफसोस है.