महाराष्ट्र सरकार ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाला मामले में सूचना आयुक्त रामानन्द तिवारी और राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य सुभाष लाला को उनकी कथित संलिप्तता को लेकर इस्तीफा देने को कहा है लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया है.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि दोनों नौकरशाहों को नैतिक आधार पर इस्तीफा देने को कहा गया है क्योंकि दोनों ही अधिकारी वैधानिक पदों पर हैं लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया है.
गौरतलब है कि जिस वक्त आदर्श हाउसिंग सोसाइटी की फाइल आगे बढ़ाई गई थी, उस वक्त तिवारी शहरी विकास सचिव थे और लाला मुख्यमंत्री के सचिव थे, तिवारी के बेटे ओंकार और लाला की मां सुशीला शालीग्राम तथा बेटी सुमीला सेठी इस सोसाइटी के सदस्य हैं.
इस खबर के बारे में लाला से संपर्क साधे जाने पर उन्होंने कहा कि कोई टिप्पणी नहीं, जबकि तिवारी प्रतिक्रिया देने के लिये उपलब्ध नहीं हो सके. अधिकारी ने बताया कि तिवारी को सूचना आयुक्त के पद पर मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के विपक्षी नेताओं के नेतृत्व वाली एक समिति ने नियुक्त किया था.