आदर्श घोटाले में महाराष्ट्र सरकार को बड़ी राहत मिली है. आदर्श समिति की रिपोर्ट में बताया गया है कि विवादित इमारत की जमीन सेना की नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार की है.
दो सदस्यीय समिति ने कहा कि आदर्श सोसाइटी युद्ध नायकों और कारगिल की विधवाओं के लिए आरक्षित नहीं था. महाराष्ट्र कैबिनेट आदर्श समिति रिपोर्ट पर चर्चा की है और विधानसभा में यह रिपोर्ट आज पेश हो सकती है.
दो सदस्यीय समिति ने पिछले शुक्रवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. समिति ने यह भी कहा कि इमारत युद्ध नायकों और कारगिल विधवाओं के लिए आरक्षित नहीं थी.
महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंगलवार को अंतरिम रिपोर्ट पर चर्चा की. आयोग में बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जे ए पाटिल के अलावा पूर्व प्रदेश मुख्य सचिव पी सुब्रहमनियन थे.
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में कोलाबा की भूमि के मालिकाना हक पर प्रकाश डाला गया है जहां 31 मंजिली इमारत का निर्माण हुआ और क्या यह युद्ध नायकों और कारगिल विधवाओं के लिए आरक्षित था.
मामले में आरोप यह है कि प्रदेश सरकार ने आदर्श सोसाइटी को भूमि आवंटित की जबकि यह रक्षा मंत्रालय की थी और इमारत का निर्माण कई कानूनों और पर्यावरण नियमों को तोड़ कर किया गया. प्रदेश सरकार ने मालिकाना हक और आरक्षण पर अंतरिम रिपोर्ट के लिए कुछ महीने पहले आयोग का रुख किया था.
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल जनवरी में आदर्श सोसाइटी घोटाले की जांच के लिए दो सदस्यीय आयोग का गठन किया था. आयोग को घोटाले के हर पहलुओं की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. आयोग जमीन के मालिकाना हक, आवंटन सहित निर्माण में विभिन्न नियमों के उल्लंघन की जांच कर रहा है.