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एड्स के मरीजों के लिए जानलेवा है पक्षियों की बीट

एड्स के मरीजों की मौत का एक बड़ा कारण पक्षियों की बीट है. यह सुनने में थोड़ा अजीब भले ही लगे लेकिन बिल्कुल सच है.

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एड्स के मरीजों की मौत का एक बड़ा कारण पक्षियों की बीट है. यह सुनने में थोड़ा अजीब भले ही लगे लेकिन बिल्कुल सच है.

वैज्ञानिकों के अनुसार पक्षियों के बीट के कारण पर्यावरण में क्रिप्टोकोकस नियोफॉर्मन्स नामक फफूंद आमतौर पर पाया जाता है. इस फफूंद के कारण क्रिप्टोकोकल मेनिनजाइटिस नामक रोग होता है जो एड्स की रोगियों की मौत का एक प्रमुख कारण है.

क्लीनराइस डर्मा प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और अणुजीव वैज्ञानिक (माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट) डॉक्टर एस रंगनाथन ने दो और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इस संबंध में एक अध्ययन किया है.

रंगनाथन ने कहा, ‘एड्स के रोगियों की मौत का एक बड़ा कारण क्रिप्टोकोकल मेनिनजाइटिस नामक रोग है. यह रोग क्रिप्टोकोकस नियोफॉर्मन्स नामक फफूंद से होता है जो पक्षियों के बीट में उपस्थित रहते हैं. जब इस बीट से पूर्ण मिट्टी हवा के संपर्क में आती है तो यह फफूंद पर्यावरण में मिल जाता है. इसके बाद श्वांस लेने पर यह फेफड़े में और अंतत: खून में मिल जाता है. जो लोग स्वस्थ्य होते हैं उनपर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन एड्स रोगियों को इसके कारण क्रिप्टोकोकल मेनिनजाइटिस रोग होने का खतरा सर्वाधिक होता है जो जानलेवा है’

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