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एमपी में 4824 चालक बने रिक्शों के मालिक

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री साइकिल रिक्शा चालक कल्याण योजना ने 4,824 शहरी साइकिल रिक्शा चालकों को स्वयं के रिक्शे का मालिक बना दिया है.

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मध्य प्रदेश
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मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री साइकिल रिक्शा चालक कल्याण योजना ने 4,824 शहरी साइकिल रिक्शा चालकों को स्वयं के रिक्शे का मालिक बना दिया है.
नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री बाबूलाल गौर ने बताया है कि मुख्यमंत्री साइकिल रिक्शा चालक योजना के अंतर्गत नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा प्रदेश के सभी 50 जिलों में 14 हजार 29 साइकिल रिक्शा चालकों का पंजीयन कर उन्हें परिचय-पत्र प्रदान किए गए हैं. इनमें से 8,107 पंजीत हितग्राहियों के प्रकरण तैयार कर बैंकों को भेजे गए. बैंकों द्वारा अब तक 4,824 हितग्राहियों को साइकिल रिक्शा उपलब्ध करवाए जा चुके हैं. साइकिल रिक्शा पाने वालों में सर्वाधिक 1021 हितग्राही जबलपुर जिले के हैं. जिला छिंदवाड़ा में 390, कटनी में 302, श्योपुर में 282, विदिशा में 279, सिवनी में 269, छतरपुर में 247, रीवा में 226 एवं बालाघाट में 206 हितग्राहियों को साइकिल रिक्शा उपलब्ध कराए गए हैं.

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर हाथ ठेला एवं साइकिल रिक्शा चालकों की वर्ष 2009 में पंचायत बुलाई गई थी जिसमें लिए गए निर्णय के अनुसार मुख्यमंत्री हाथ ठेला एवं साइकिल रिक्शा चालक कल्याण योजना-2009 प्रारंभ की गई है. योजना में चयनित हितग्राही को स्वयं के साइकिल रिक्शा का मालिक बनाने के लिए स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. योजना में साइकिल रिक्शा की लागत 10 हजार रुपये प्रति इकाई रखी गयी है. इसके लिए राज्य शासन द्वारा स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना में देय 25 प्रतिशत के अतिरिक्त प्रति हितग्राही 2500 रुपये का अनुदान उपलब्ध कराया जाता है.

सरकार द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक पंजीत साइकिल रिक्शा चालक के परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर दो हजार रुपये अंतिम संस्कार के लिए तथा प्रसूति सहायता के तहत निर्धारित कलेक्टर दर पर छह सप्ताह की मजदूरी के बराबर की राशि तथा पितृत्व अवकाश के रूप में शिशु के पिता को 15 दिवस की मजदूरी के बराबर की राशि देने का प्रावधान भी योजना में है.

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