सेना ने बताया है कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक करीब 42 शिविरों में 400 से अधिक आतंकवादी मौजूद हैं जबकि हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर ए तैयबा के 175 आतंकवादी देश के भीतरी क्षेत्रों में हैं जिनमें से अधिकतर निष्क्रिय हैं.
16वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल जेपी नेहरा ने कहा, ‘खुफिया जानकारी के अनुसार वहां 42 शिविर हैं. उनमें से कुछ नियंत्रण रेखा के नजदीक हैं और शिविरों में 400-450 आतंकी हैं. वे जब भी और जहां भी घुसपैठ का प्रयास करेंगे उन पर नजर रखी जायेगी.’
उन्होंने कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर के 175 आतंकवादी देश के भीतरी क्षेत्रों में मौजूद हैं लेकिन इनमें से अधिकतर निष्क्रिय हैं. यहां व्हाइट नाइट कोर के पौधारोपण अभियान से इतर नेहरा ने संवाददाताओं से कहा, ‘देश के भीतरी क्षेत्रों में गतिविधियां चला रहे शेष आतंकियों का पता लगा लिया जाएगा और उनका खात्मा कर दिया जाएगा.’
जनरल नेहरा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के आतंकी अब संपर्क स्थापित करने के लिए आपसी बातचीत की बजाय इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग साइटों पर अधिक भरोसा करने लगे हैं. उन्होंने कहा, ‘आतंकवादी आपसी बातचीत के अतिरिक्त इंटरनेट फेसबुक का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब मोबाइल का उपयोग कम किया जा रहा है क्योंकि मोबाइल संदेशों को आसानी से पकड़ लिया जाता है.’
नेहरा ने कहा, ‘हमारी तरफ (एलओसी पर) घुसपैठ का कोई सफल प्रयास नहीं हुआ है. इस साल जनवरी के बाद से घुसपैठ का कोई प्रयास सफल नहीं हुआ है.’ उन्होंने कहा, ‘चार-पांच बार प्रयास किए गए जिन्हें विफल कर दिया गया. हम इन्हें सफल नहीं होने देंगे. वे सफल नहीं होंगे.’ जनरल ने कहा, ‘हमने निगरानी उपकरण लगाए हैं जो खराब मौसम और रात में भी नजर रख सकते हैं. हमने बहुस्तरीय प्रणाली तैनात की है.’