भारत और पाकिस्तान के बीच होने जा रही सचिव स्तर की बातचीत से पहले पाकिस्तान का दोमुहांपन एक बार फ़िर सामने आ गया है. आज की तारीख़ में पाकिस्तान की ज़मीन पर चल रहे हैं आतंक के सैकड़ों स्कूल. इन स्कूलों में हज़ारों नौजवानों को दहशतगर्दी की ट्रेनिंग दी जा रही है. तबाही मचाने के तरीके सिखाए जा रहे हैं. ये अहम जानकारी भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के हाथ लगी है. तमाम ख़ुफ़िया एजेंसियों से मिली जानकारियों पर आधारित रिपोर्ट, एनआईए ने गृहमंत्रालय को सौंप दी है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के भीतर आतंकवाद सिखाने वाले सैकड़ों स्कूल धड़ल्ले से चल रहे हैं. इन स्कूलों ने भारत में भी भर्ती केंद्र खोल रखे हैं. भारत में ऐसे कुल 60 केंद्र हैं जहां नौजवानों को भटकाकर उन्हें आतंकवादी बनने के लिए तैयार किया जाता है.
पाकिस्तान में चल रहे ट्रेनिंग शिविरों में सैकड़ों नौजवानों को आत्मघाती हमले करने और ख़तरनाक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. आतंक की ट्रेनिंग देने में पाक फौज के रिटायर्ड सैनिकों की भी मदद ली जा रही है.
ये काम मुख्य रूप से तीन आतंकवादी संगठन मिलकर कर रहे हैं. लश्कर ए तैयबा, जिसका नाम अब जमात उद् दावा हो चुका है. अल बदर मुज़ाहिदीन, जिसे अब अल सफ़ा फाउंडेशन के नाम से जाना जाता है और हिज़बुल मुज़ाहिदीन.
आतंकवाद की ये पाठशालाएं पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर से लेकर, पंजाब, वजीरिस्तान और नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रॉविंस में फैले हुए हैं. अकेले नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रॉविंस के हज़ारा इलाके में ट्रेनिंग ले चुके हज़ारों आतंकवादी मौजूद हैं. लश्कर ने ख़ास तौर पर एक आत्मघाती दस्ता तैयार किया है, जिसमें अफ़गानिस्तान के शरणार्थी शामिल हैं. पुख़्ता ख़बर इस बात की भी है कि 3 सौ आतंकवादियों को भारत भेजा जा चुका है.