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2जी केस में सहारा के एमडी सुब्रत रॉय सहारा को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

उच्चतम न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच में दखल देने के आरोप में सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय के खिलाफ न्यायालय की अवमानना संबंधी नोटिस जारी किया.

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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच में दखल देने के आरोप में सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय के खिलाफ न्यायालय की अवमानना संबंधी नोटिस जारी किया. न्यायालय ने जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह को कथित तौर पर धमकी देने और ब्लैकमेल करने के लिए दो पत्रकारों उपेन्द्र राय और सुबोध जैन को भी नोटिस जारी किया है.

राजेश्वर सिंह 2जी स्पेक्ट्रम संबंधी मामलों की जांच कर रहे हैं. न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति ए.के. गांगुली की पीठ ने नोटिसों का जबाव देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है. पीठ ने कहा, ‘रिकॉर्डों को देखकर प्रथम दृष्टया लगता है कि राजेश्वर सिंह द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला और इससे जुड़े मामलों की जांच में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया गया है. इसलिए, हम उन्हें नोटिस जारी करते हैं.’

पीठ ने सहारा इंडिया न्यूज नेटवर्क और इसकी सहयोगी इकाइयों को राजेश्वर सिंह से जुड़ी कोई खबर या कार्यक्रम चलाने से भी रोक दिया है. पीठ का यह आदेश सुबोध जैन द्वारा सिंह को भेजे गए 25 प्रश्नों के संबंध में भी लागू है.

जैन ने सिंह को 25 प्रश्न भेजकर उनसे जवाब मांगा था. ये प्रश्न व्यक्तिगत प्रकृति के थे. न्यायालय ने पाया कि यह सिंह को ब्लैकमेल करने का एक प्रयास था क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सहारा प्रमुख को जांच के संबंध में एजेंसी के समक्ष पेश होने का समन जारी किए जाने के बाद सिंह को ये प्रश्न भेजे गए थे.

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प्रवर्तन निदेशालय ने 2जी घोटाले की जांच के संबंध में सुब्रत राय को समन जारी कर उन्हें निदेशालय में उपस्थित होने को कहा था. यह समन मनी लांडरिंग रोधी कानून के प्रावधानों के तहत जारी किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय ने सहारा समूह के सीएमडी सुब्रत राय के खिलाफ अदालत की अवमानना के अभियोग में कार्यवाही करने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है.

प्रवर्तन निदेशालय के जांच अधिकारी राजेश्वर सिंह द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़े 150 करोड़ रुपये के एक संदिग्ध लेनदेन के संबंध में राय को निदेशालय के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस जारी किया गया था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुब्रत राय प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, उल्टे उन्होंने जांच अधिकारी को ब्लैकमेल करने की कोशिश की.

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