यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. हर घंटे चार से पांच सेंटीमीटर बढ़ रहा है यमुना का पानी. ऐसे में दिल्लीवालों के लिए शुक्रवार का दिन है सावधान रहने का दिन. अंदाजा लगाया जा रहा है कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से बुधवार को जो साढ़े छह लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, वो शुक्रवार शाम दिल्ली पहुंच जाएगा.
इतना ही नहीं हथिनी कुंड से शुक्रवार की सुबह एक लाख 4 हजार क्यूसेक पानी फिर से दिल्ली में छोड़ा गया है. लेकिन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का कहना है कि उसने बाढ़ से निपनटे की पूरी तैयारी कर रखी है.
बाढ़ एवं सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम मुताबिक यमुना में हर घंटे 4 से 5 सेंटीमीटर पानी भर रहा है. गुरुवार दोपहर करीब चार बजे यमुना खतरे के निशान 204.83 मीटर को पार कर 204.88 मीटर पर पहुंच गई. तो शाम छह बजे तक इसने 205 मीटर के निशान को छू लिया. रात बारह बजे तक जलस्तर 205.20 मीटर तक पहुंच गया था.
केंद्रीय जल आयोग के अनुमान के मुताबिक दिल्ली के लिए सबसे खतरनाक वक्त आएगा शुक्रवार शाम चार बजे के करीब, जब यमुना में पानी 206.38 मीटर तक पहुंच जाएगा. हालांकि, आयोग ने पहले 207 मीटर तक पानी पहुंचने का अंदेशा जताया था.
दिल्ली पर ये मुसीबत आ रही है हरियाणा से, जहां के हथिनीकुंड बैराज से बुधवार को करीब छह लाख 60 हजार क्यूसेक पानी और फिर गुरुवार को तकरीबन दो लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। 1978 के बाद पहली बार हथिनीकुंड से इतना पानी छोड़ा गया है.
सवाल उठता है कि क्या होगा दिल्ली का? सरकार कहती हैं डरने की जरुरत नहीं. लेकिन, लोग कैसे ना डरें. दस दिन पहले जब यमुना में महज तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था तो निचले इलाकों में सड़कों पर नाव चल रहे थे. अब जबकि उससे दोगुना पानी छोड़ा गया है तो आने वाले खतरे के बारे में सोचकर ही डर लगता है.