देश में चुनावी रेस की अभी तैयारियां ही चल रही हैं, लेकिन मोदी दौड़ रहे हैं. वो भी एक इंटरनेशनल लेवल की दौड़ में. जीते तो वह 'टाइम्स' मैगजीन के 'पर्सन ऑफ द ईयर' हो सकते हैं.
लेकिन फेसबुक-ट्विटर पर 'आनंद लेने वाले कुछ कम गंभीर' लोगों की मानें तो इस दौड़ में नीली आंखों वाली एक खूबसूरत लड़की कांग्रेस का हथियार बन गई है. नाम तो सुना ही होगा- माइली सायरस.
बीजेपी के पीएम उम्मीदवार और टाइम्स के शब्दों में 'विवादास्पद हिंदू राष्ट्रवादी' नरेंद्र मोदी फिलहाल दूसरे नंबर पर चल रहे हैं. मंगलवार को वह सबसे आगे थे लेकिन बुधवार को सिंगर-एक्टर माइली सायरस और अमेरिका की इंटरनेट जासूसी का खुलासा करने वाले एडवर्ड स्नोडेन से पिछड़कर तीसरे नंबर पर खिसक गए.
लेकिन भाई लोगों के एग्रेसिव फेसबुकिया कैंपेन के बाद मोदी ने दूसरी पोजीशन रिगेन कर ली है. उन्हें अब तक 13.8 फीसदी वोट मिले हैं.
अब स्थिति कुछ इस तरह है,
माइली सायरस: 26.8 %
नरेंद्र मोदी: 13.8 %
अब्देल फतह अल-सीसी: 9.3 %
एडवर्ड स्नोडेन: 8.5 %
कल तक फेसबुक-ट्विटर के गलियारों में चर्चा थी कि राहुल गांधी को इस दौड़ में शामिल न किए जाने से कॉन्गी बंधु आहत हैं. अब सोशल साइट पर करने के लिए उनके पास बहुत कम काम बचे हैं.
मंगलवार तक वे इतना तो समझ गए कि मोदी को जीतने से रोकने के लिए उन्हें किसी और को धड़ाधड़ वोट करने होंगे. पर किसे, स्नोडेन को या सायरस को, इसे लेकर वे जरा कंफ्यूज मालूम होते थे.
लेकिन ताजा रुझानों से लगता है कि कंफ्यूजन की रेखाएं मिट गई हैं. कांग्रेसियों ने भी इस दौड़ को ईगो पर ले लिया है. ट्विटर पर व्यंग्य के ज्यादातर सूरमा लिख रहे हैं कि एंटी-मोदी वोट अब माइली सायरस के हिस्से जा रहा है. लिहाजा स्नोडेन के वोट तेजी से घटे हैं और वह चौथे पर खिसक गए हैं. 4 दिसंबर तक यह रेस चलेगी. मोदी हार गए तो क्या पता लुटयंस जोन में कुछ आंतरिक जश्न मनाए जाएं.
नोट: यह खबर उन लोगों के हवाले से लिखी गई है जो फेसबुक-ट्विटर पर आनंद ले रहे हैं. इसे हलके में ही लें, हलके रहेंगे.