कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को राजस्थान के जयपुर में युवा आक्रोश रैली को संबोधित करेंगे. इससे पहले राहुल गांधी ओटीएस भवन में कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश सरकार के कामकाज पर फीडबैक लेंगे.
कांग्रेस को यह लगने लगा है कि बीजेपी को सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों से फायदा हो रहा है और आर्थिक मुद्दों पर घिरने से केंद्र सरकार बच रही है. राहुल गांधी जयपुर से इन मुद्दों को उठाकर पूरे देश में लेकर जाएंगे और कांग्रेस इसे लेकर देशभर में माहौल बनाने की कोशिश करेगी. यही रणनीति है. इसके लिए जयपुर को ही क्यों चुना गया, इसके पीछे इस शहर से राहुल के पुराने नाते को वजह बताया जा रहा है.
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कांग्रेस इस रैली में राजस्थान से एनआरसी के तर्ज पर एनआरयू बनाकर भारत सरकार को सौंपेंगी. इसमें नेशनल रजिस्टर ऑफ अनइंप्लॉयमेंट शुरू करने की मांग की जाएगी. राजस्थान कांग्रेस की तरफ से एक मिस्ड कॉल अभियान चलाया जा रहा है जिसमें युवा बेरोजगार मिस्ड कॉल के जरिए एनआरयू में अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस की तरफ से लगातार कोशिश की जा रही है कि इस रैली को सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों से दूर रखा जाए. इसमें केवल बेरोजगारी और महंगाई पर फोकस किया जाए. आर्थिक मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा जाए. कांग्रेस के नेताओं को भी यह बताया गया है कि लोगों से इस रैली को लेकर सीएए और एनआरसी के मुद्दों पर चर्चा न करें.
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बता दें कि राहुल गांधी को साल 2013 में जयपुर के बिरला हॉल में कांग्रेस का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था. 2018 में जब सूबे में कांग्रेस की सरकार बनी, तो जनवरी 2019 में राहुल ने जयपुर में ही किसान रैली की थी. जनाक्रोश रैली को भी राहुल गांधी की रीलॉन्चिंग की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है.