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फोन टैपिंग के आरोपों के बाद अब दलबदलू परिंदों का तंज, गहलोत-पायलट गुट आमने-सामने

राजस्थान में करीब दस महीने से कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक बार फिर दिल्ली में हैं. तो वहीं, राजस्थान की राजनीतिक हलचल भी बढ़ने लगी है. इस सबके बीच राज्य सरकार के मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का एक ट्वीट आया है, जो सुर्खियां बटोर रहा है.

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राजस्थान की सियासत में भूचाल? (फोटो: अशोक गहलोत)
राजस्थान की सियासत में भूचाल? (फोटो: अशोक गहलोत)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजस्थान की सियासत में फिर उठापटक
  • गहलोत कैंप के मंत्री के ट्वीट की चर्चा तेज

पंजाब के बाद अब कांग्रेस पार्टी को राजस्थान में अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ रहा है. करीब दस महीने से कमेटी की रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक बार फिर दिल्ली में हैं. तो वहीं, राजस्थान की राजनीतिक हलचल भी बढ़ने लगी है. इस सबके बीच राज्य सरकार के मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग का एक ट्वीट आया है, जो सुर्खियां बटोर रहा है.

डॉ. सुभाष गर्ग ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘ये मौसम ही है ऐसा, आतुर हैं परिंदे, घोंसले बदलने के लिए’. राजस्थान में मौजूदा वक्त में राजनीति जिस तरह करवट ले रही है, उस दौर में इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं.


खास बात ये है कि ट्वीट करने वाले मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग को अशोक गहलोत कैंप का सदस्य माना जाता है. गौरतलब है कि ये ट्वीट तब सामने आया है, जब हाल ही में राजस्थान में एक बार फिर फोन टैपिंग का जिन्न बाहर आया है और कुछ विधायकों ने सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया है. 

राजस्थान में सबकुछ ठीक नहीं ?
आपको बता दें कि पिछले साल सचिन पायलट की अगुवाई में कई विधायकों ने बगावत की थी, तब अशोक गहलोत पर उनकी बातें ना सुनने का आरोप था. उस वक्त तो कांग्रेस आलाकमान ने सबकुछ संभालने की कोशिश की, सचिन पायलट को पाला बदलने से रोका और कमेटी बनाकर मामला सुलझाने की बात कही. 

हालांकि, उस कमेटी को बने दस महीने हो गए हैं लेकिन राजस्थान कांग्रेस में अभी कुछ बदलाव नहीं हुआ है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट फिर नाराज़ हैं और अब एक्शन की मांग कर रहे हैं, इसलिए वो दिल्ली में हैं.

हालांकि, बीच में ये भी बात सामने आई थी कि प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से सचिन पायलट से फोन पर बात की गई है. ऐसे में अब सचिन पायलट गुट का संयम कबतक काम देता है, इसपर हर किसी की नज़रें टिकी हैं.

कांग्रेस पार्टी पहले ही पंजाब में मुश्किलों का सामना कर रही है, जहां अगले साल चुनाव होने हैं. यहां कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू ने मोर्चा खोला है, तो वहीं उत्तर प्रदेश में भी जितिन प्रसाद पार्टी का साथ छोड़ आए हैं. 

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