राजस्थान में सियासी दंगल लगातार बढ़ता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट से ये मामला निकलकर अब राज्यपाल बनाम मुख्यमंत्री के बीच जारी जंग की ओर मुड़ गया है. इस दंगल के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज एक बार फिर कैबिनेट बैठक की, जिसमें विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव पास हुआ. ये तीसरी बार है जब कैबिनेट विधानसभा सत्र बुलाने के लिए प्रस्ताव पास किया और राज्यपाल को भेजा.
बड़े अपडेट:
01.22 PM: राजस्थान कैबिनेट ने एक बार फिर राज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा है. कहा गया है कि राज्यपाल को कैबिनेट की सलाह माननी होती है, वरना संवैधानिक संकट होगा.
12.43 PM: राजस्थान कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में राज्यपाल को प्रस्ताव भेजने को लेकर चर्चा की गई थी.
11.35 AM: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल ने 21 दिनों के वक्त की बात इसलिए की है, ताकि बीजेपी अपनी स्थिति मजबूत कर सके. कांग्रेस नेता ने तंज कसा कि कलराज जी की कला काबिल-ए-तारीफ है.
Rajasthan governor stalls the house for another 21 days which certainly offers BJP party to consolidate his position and to help add the number of horses in the stable of Haryana, Cong & allies are steadfast to thwart any conspiracy. Kalraj Ji ke kala kaabil-e-tareef zarur hai.
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) July 28, 2020
11.15 AM: बहुजन समाज पार्टी के विधायकों के कांग्रेस में विलय पर एक और अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई है. बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने ये याचिका लगाई गई है. इससे पहले उनकी ही एक याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया था.
10.43 AM: राजस्थान कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव पास किया जाएगा.
10.13 AM: अब से कुछ देर में कैबिनेट बैठक शुरू होगी. मंत्रियों का अशोक गहलोत के आवास पर पहुंचना शुरू हो गया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से अबतक दो बार राज्यपाल कलराज मिश्र को विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा गया है. जिसमें पहली बार में कोरोना वायरस का मसला उठाने के साथ ही राज्यपाल ने कुछ सवाल पूछे थे, जबकि दूसरे प्रस्ताव में सही जानकारी और सवालों का जवाब ना होने पर लौटा दिया गया.
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यही कारण है कि एक बार फिर अशोक गहलोत कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव लाएंगे. राज्यपाल की ओर से जवाब में कहा गया है कि विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए 21 दिनों का नोटिस चाहिए, इसके अलावा कोरोना संकट के बीच में सत्र का आयोजन कैसे किया जाएगा इसपर जानकारी मांगी है.
गौरतलब है कि राज्यपाल कलराज मिश्र को हटाने को लेकर राजस्थान की हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है. याचिका में नियमों और कानून को ना मानने की बात कही गई है. इसके अलावा कई कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल पर निशाना साधा है और केंद्र के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है.