राजस्थान में मार्च में भारी बारिश का 89 साल का रिकार्ड टूट गया है. राज्य में भारी बारिश और ओले ने ऐसी तबाही मचाई है कि किसान खून के आंसू रो रहे हैं. राज्य के 26 जिलों में 50 से लेकर 95 फीसदी से ज्यादा फसलें बर्बाद हो गई हैं. गेहूं, सरसों, जीरा, ईसबगोल समेत सब्जियां खेत में हीं काली पड़कर सड़ना शुरू हो गई हैं. राजस्थान सरकार ने जिला कलेक्टरों से तत्काल पैकेज जारी करने के आदेश दिए हैं.
इस बीच सोमवार को किसान खराब गेहूं की फसलें लेकर विधानसभा पहुंचे, और सरकार से मुआवजा देने की मांग की. बाद में सभी विधायकों ने अपनी एक महीने की तनख्वाह किसानों को देने का ऐलान किया.
जयपुर की नवरती बाई और उनके बेटे बजरंगी अपने खेत में टूटे हुए अरमानों को सहेजने में लगे हैं. पिछले 6 महीने से इसी गेहूं की खेती के सहारे परिवार पालने का सपना संजोए थे, लेकिन जब फसल काटने की बारी आई तो आसमान से आई आफत ने सब छीन लिया.
किसानों के सभी काम बच्चों की पढाई, बीमारी, बेटी की शादी इसी खेती के सहारे होती है, जो अब खत्म हो गई है. राजस्थान के 26 जिलों में पिछले चार दिनों से बारिश हो रही है और ओले गिर गए हैं.
कोटा, भीलवाड़ा, उदयपुर, धौलपुर के इलाकों में, तो 95 फीसदी तक गेहूं, सरसों, जौ, लहसुन, धनिया और चना की फसलें नष्ट हो गई हैं.
ओले और बारिश की इस आफत पर नवरती बाई ने कहा, 'सब बर्बाद हो गया, रुपया में 25 पैसे ही बचे हैं. सब गिर गए और सड़ गए. क्या करें खेती के अलावा कुछ भी नहीं है परिवार पालने के लिए.' नवरती के बेटे बजरंगी ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि हमारा सब फसल खराब हो गई है. सरकार कुछ मुआवजे की घोषणा करें, वरना किसान कहां जाएंगे.
दरअसल, राजस्थान में इस साल मार्च महीने में बारिश का 89 साल का रिकार्ड टूट गया है और पूरे राज्य में 40 मिमी तक बारिश हुई है. फसलों के अलावा सब्जियां और फल पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. हालांकि सरकार ने आपदा प्रबंधन सेंटर स्थापित किया है और जिला कलेक्टरों से रिपोर्ट मंगवा कर किसानों को मदद देने के आदेश दिए हैं.
कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा, 'निश्चित तौर पर बेमौसम की बरसात ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है. हमने सभी जिलों से रिपोर्ट मंगवाई है कि कहां कितना नुकसान हुआ है अभी मौसम खुला नहीं है. एक बार मौसम खुल जाए, तो पता चले कि कितना नुकसान हुआ है फिर सभी योजनाओं में किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.'
दूसरी ओर बिजली गिरने से चार जिलों में नौ लोगों की जान गई हैं और दर्जनों मकान ध्वस्त हुए हैं.