राजस्थान के रायसिंहनगर से विधायक सोना देवी ने गुरुवार को कामकाजी महिलाओं की समस्या को विधानसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि काम करने वाली महिलाओं के लिए उनके नवजात बच्चे की देख-रेख में काफी मुश्किल होती है. सोना देवी ने कहा कि उनकी खुद की एक छोटी बेटी है और वे इस तरह की समस्याओं को और अच्छी तरह समझती हैं. सोना देवी जब विधानसभा पहुंची तो उन्हें उनके अपनी बेटी के साथ अंदर नहीं जाने दिया गया.
सुरक्षाकर्मी ने सोना देवी को यह कहकर रोक दिया कि ये विधानसभा के नियमों का उल्लंघन होगा. 10 साल से कम उम्र के बच्चों का विधानसभा में जाना मना है. सोना देवी ने दलील दी कि उनके बच्ची काफी छोटी है और उसे वक्त पर स्तनपान न कराने से उसकी सेहत पर बुरा असर पड़ेगा. इस दलील के बाद नियमों को ताक पर रखते हुए सुरक्षाकर्मी ने सोना देवी को इजाजत दे दी. उनका पर्सनल असिस्टेंट एक कमरे में उनकी बेटी को लेकर इंतजार रहा था.
बाद में सोना देवी ने कहा कि नवजात बच्चों और काम करने वाली उनकी मां को परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार को उचित कदम उठाने की जरूरत है. ऐसी ही समस्या से गुजरने वाली महिला विधायक कामिनी जिंदल ने सोना देवी की बातों का खुलकर समर्थन किया.