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राजस्थान में गहलोत सरकार बने रहने का क्या है नंबर गेम, सचिन पायलट के दावे में कितना दम

अशोक गहलोत के पास जो छह विधायक आए हैं, वो सचिन पायलट के बेहद करीबी दोस्त हैं. इनमें दानिश अबरार, चेतन डूडी, रोहित बोहरा, प्रशांत बैरवा और रामनारायण मीणा शामिल हैं. इनकी निष्ठा को लेकर गहलोत गुट भी संदेह कर रहा है.

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सचिन पायलट की फाइल फोटो
सचिन पायलट की फाइल फोटो

  • राजस्थान सरकार पर संकट बरकरार
  • गहलोत व पायलट के अपने-अपने दावे

राजस्थान में सियासी संकट फिलहाल बना हुआ है क्योंकि सरकार पर खतरे की आशंका अभी टली नहीं है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जिस तरह से कैमरे के सामने विधायकों की पेशी की उससे लगा कि सरकार बच गई. मगर इतना सब कुछ आसान होता तो सभी विधायक अपने-अपने घर चले गए होते. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सरकार पर संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. इसकी कई वजहें हैं-

1. सचिन पायलट का दावा है कि उनके पास 30 से ज्यादा विधायक हैं और वे सरकार गिराने की स्थिति में हैं.

2. अशोक गहलोत के पास जो छह विधायक आए हैं, वे सचिन पायलट के बेहद करीबी दोस्त हैं. इनमें दानिश अबरार, चेतन डूडी, रोहित बोहरा, प्रशांत बैरवा और रामनारायण मीणा हैं. इनकी निष्ठा को लेकर गहलोत गुट भी संदेह कर रहा है.

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3. दिल्ली के मानेसर में गए विधायक जब कांग्रेस पार्टी छोड़ सकते हैं तब राज्यपाल की भूमिका महत्वपूर्ण होगी और वहां बीजेपी कोई खेल कर सकती है. राज्यपाल विधानसभा में बहुमत साबित करने को कह सकते हैं. आज के लिए क्या समय सीमा रखते हैं यह बहुत महत्वपूर्ण होगा कि कितने लंबे समय तक इन विधायकों को होटल में बंद करके रखा जा सकता है.

4. कहा जा रहा है कि अगर बीजेपी और सचिन पायलट एक साथ हैं और अगर 21-22 विधायक भी तोड़ लिए हैं तो दो चार विधायक तोड़ने में उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं आएगी.

5. अशोक गहलोत के करीबियों पर जिस तरह सोमवार सुबह से इनकम टैक्स के छापे चले, यह दिखाता है कि केंद्र सरकार अशोक गहलोत को अपने निशाने पर ले चुकी है.

यह वजह है जिससे सरकार बन सकती है

1. अशोक गहलोत कह रहे हैं कि कांग्रेस के 88 विधायकों के अलावा दूसरे दलों के विधायकों के समर्थन को मिलाकर हमारे पास 102 की संख्या है.

2. प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन बने, इसमें वसुंधरा राजे की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. अगर उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो वे बीजेपी से किसी अन्य या सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगी.

3. सचिन पायलट अगर आलाकमान के कहने पर समझौता कर लेते हैं और कांग्रेस वापस एकजुट हो जाती है.

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4. अशोक गहलोत ने तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ खरीद-फरोख्त का मामला दर्ज कराया है. करप्शन ब्यूरो में राष्ट्रद्रोह की धारा भी है. ऐसे में हो सकता है कि विधानसभा अध्यक्ष उनकी सदस्यता खत्म कर दें, ऐसे में 200 की जो स्ट्रेंथ है वह घटकर 197 रह जाए.

22 लोग जयपुर के होटल में नहीं पहुंचे हैं

22 विधायक ऐसे हैं जो जयपुर के होटल में नहीं पहुंचे हैं. इनमें सचिन, रमेश मीणा, इंद्राज गुजर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पी.अर.मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह, गजेंद्र शक्तावत के अलावा तीन निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, ओम प्रकाश कोढोला और खुशवीर सिंह जोजावर के नाम हैं. ये 22 लोग जयपुर के होटल में नहीं पहुंचे हैं, जहां गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों को रखा है.

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