राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सोमवार से आठवीं क्लास तक पढ़ने वाले सभी बच्चों को सप्ताह में तीन दिन गर्म दूध पिलाया जाएगा. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जयपुर जिले के बगरू विधानसभा क्षेत्र के दहमीकलां गांव में एक स्कूल में बच्चों को अपने हाथों दूध पिलाकर इस 'अन्नपूर्णा दूध योजना' की शुरुआत की. राजस्थान के करीब 66 लाख बच्चों को स्कूलों में सप्ताह में 3 दिन दूध पिलाया जाएगा.
इस साल वसुंधरा राजे ने बजट में इसकी घोषणा की थी, जिसके लिए अलग से बजट का आवंटन किया गया है. दूध के इंतजाम का जिम्मा राजस्थान सरकार के डेयरी विभाग के अधीन आने वाली सरस डेरी को दिया गया है, जो ताजा और गर्म दूध बच्चों को मिड डे मील के साथ देगी.
वसुंधरा राजे ने इस मौके पर बच्चों को दूध पिलाते हुए कहा, 'मैं एक मां हूं और जानती हूं कि एक बच्चे की सेहत के लिए मां कितनी फिक्रमंद होती है. मैं राज्य के सभी अभिभावकों से कहना चाहूंगी कि वह अपने बच्चों के स्वास्थ्य के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं. उनको अब चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी सेहत का जिम्मा सरकार ने उठाना शुरू कर दिया है. उसी के तहत मिड डे मील में पौष्टिक भोजन के साथ-साथ गर्म और ताजा दूध भी दिया जाएगा.'
बता दें कि काफी लंबे समय से यह रिपोर्ट आ रही थी कि गांव में पढ़ने वाले बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. लिहाजा बच्चों में सही मात्रा में प्रोटीन देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है. इस मौके पर शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि इस योजना की वजह से सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ेगा. जिस तरह से मिड डे मील की वजह से ज्यादा से ज्यादा बच्चे स्कूल आना शुरू हुए थे, उसी तरह से दूध की वजह से भी बच्चे स्कूल में आएंगे.
राजस्थान के लगभग 66 हजार स्कूलों में यह योजना शुरू की जा रही है. साथ ही मदरसों में भी इसे लागू किया गया है. करीब 62 लाख सरकारी स्कूलों के बच्चे और 4 लाख मदरसों के बच्चे इस योजना का लाभ उठाएंगे. हालांकि कई स्कूलों में बच्चों ने कहा कि दूध में मिलाने के लिए शक्कर भी होनी चाहिए.