राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को राम मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट की चंदे के गबन की खबरों के आने के बाद जमकर भर्त्सना की. उन्होंने एक के बाद भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) सरकार पर कई सवाल दागे हैं.
उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता ने आस्था के साथ राम मंदिर निर्माण में देशभर में सर्वाधिक योगदान दिया था लेकिन निर्माण कार्य की शुरुआत में ही चंदे के गबन की खबरों से आमजन की आस्था डिग गई है. कोई विश्वास नहीं कर पा रहा है कि मिनटों में कैसे जमीन का दाम 2 करोड़ रुपये से 18 करोड़ रुपये हो गए.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के बंशी पहाड़पुर से अवैध खनन कर गुलाबी पत्थर राम मन्दिर के लिए भेजा जा रहा था. हमने प्रयास किया कि इस पावन कार्य में अवैध तरीके से निकाला गया पत्थर ना जाए इसलिए हमने प्रयास कर यहां हो रहे पत्थर खनन के कार्य को भारत सरकार से लीगल तरीके से वैधता दिलवाई जिसका हमें संतोष है.
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सीएम गहलोत ने मांग की है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को पूरे मामले की अविलंब जांच करवानी चाहिए ताकि लोगों की आस्था और विश्वास बना रहे.
देशभर के श्रद्धालु आहत!
केंद्र सरकार को घेरते हुए उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस पावन कार्य में मंदिर निर्माण के लिए बने ट्रस्ट द्वारा ही आर्थिक हेर-फेर की अनैतिक गतिविधियां करने से देशभर के श्रद्धालु बेहद आहत हैं. कोई सोच नहीं सकता था कि मन्दिर निर्माण जैसे पवित्र काम में भी लोग घोटाले करने लगेंगे.
केन्द्र सरकार को अविलंब इस मामले की जांच करवानी चाहिए जिससे लोगों की आस्था एवं विश्वास बना रहे एवं देशवासियों की आस्था के साथ खिलवाड़ के दोषियों को सजा मिल सके.
क्या है विवाद की वजह?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर आरोप हैं कि ट्रस्ट ने 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीदी. 10 मिनट के भीतर जमीन के दाम 2 करोड़ से 18 करोड़ हो गए. विपक्ष अचानक से जमीन के दाम में आई उछाल को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है.