राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में सुप्रीम कोर्ट के जजों पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के शासन में ज्यूडिशियरी दबाव में काम कर रही है. उन्होंने कहा, 'पहली बार ऐसा इतिहास में हुआ था कि सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा था कि लोकतंत्र का गला घोट जा रहा है. इन्हीं में से एक जज थे गोगोई साहब.'
उन्होंने कहा, 'रंजन गोगोई ने तब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, मगर कुछ दिन बाद वे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बने, तो वही सब चल रहा था जो उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से पहले चल रहा था. सब कुछ हुआ मगर वह चुप रहे. ऐसा क्या हुआ कि चीफ जस्टिस बनने के बाद भी उनको चुप रहना पड़ा, यह एक रहस्य है.'
सीएम गहलोत ने कहा, 'अब वे चीफ जस्टिस के पद से हट गए हैं, इसलिए उन्हें बताना चाहिए और लोगों को पता लगाना चाहिए कि आखिर वह कौन से कारण थे जिसकी वजह से गोगोई कुछ बोल नहीं पाए.'
'सीबीआई और ईडी के नाम पर राज'
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'सीबीआई और ईडी के नाम पर राज किया जा रहा है. नरेंद्र मोदी देश में धमकाकर अपना शासन चला रहे हैं और यह शासन वह नहीं चला रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चला रहा है. महात्मा गांधी की हत्या के बाद इन्होंने लिख कर दिया था कि हम सांस्कृतिक संस्था रहेंगे और राजनीति नहीं करेंगे मगर यह पर्दे के पीछे से राजनीति कर रहे हैं.'
सीएम ने कहा कि हम आरएसएस को कहना चाहते हैं कि अब आप खुलकर राजनीतिक पार्टी बन जाइए और खुलकर सामने आइए, आप खुलकर सामने आइएगा तो दो-दो हाथ करने में मजा आएगा. आरएसएस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह हिंदुत्व की बात करते हैं, जबकि संविधान में सर्वधर्म संभाव की बात कही गई है, इसलिए संविधान में इनकी निष्ठा नहीं है.