राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लखीमपुर खीरी में हिंसा को लेकर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. गहलोत ने कहा, लखीमपुर खीरी में जो कुछ हुआ, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. उन्होंने कहा, भारत सरकार में गृह राज्य मंत्री धमकी देते हैं कि आप सबको मालूम नहीं है कि सांसद बनने से पहले मैं क्या था? मैं जिस दिन चाहूंगा, ऐसी स्थिति पैदा कर दूंगा कि आप लोग यहां से भाग जाओगे. गहलोत ने कहा, इस धमकी के बाद जो हुआ, वो सबने देखा.
अशोक गहलोत ने कहा, 4 किसानों की मौत हुई. इस हादसे में कुल 9 लोगों की जान गई. ये हृदय विदारक घटना हुई, इसके बावजूद अजय मिश्रा ने ना इस्तीफा दिया और ना ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे इस्तीफा देने के लिए कहा. वे किस दिशा में देश को लेकर जा रहे हैं. यह सबके सामने आ गया.
विपक्ष नहीं जाएगा तो कौन जाएगा?
गहलोत ने कहा, लखीमपुर हिंसा के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, दीपेंद्र हुड्डा जा रहे थे, उन्हें रोका गया. यह बात समझ नहीं आती कि उन्हें वहां जाने से क्यों रोका गया. अगर कोई घटना होती है, तो वहां विपक्षी नेता नहीं जाएंगे तो कौन जाएगा. उन्होंने कहा, जनता जब विपक्षी नेताओं को अपने पास देखती है, उनसे अपने दर्द को बांटती है. तो उन्हें अहसास होता है कि विपक्षी पार्टी के लोग हमारे साथ हैं. हमारे साथ न्याय होगा. ऐसे में जनता शांत हो जाती है और कानून भी अपने हाथ में नहीं लेती.
अशोक गहलोत ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की लताड़ लगाई है. इसके बावजूद राज्य सरकार अगर योजनाबद्ध तरीके से और शीघ्र न्याय नहीं दिलाती है, तो यह दुर्भाग्य होगा. खाली जांच के लिए कमीशन बैठाने से काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट लोगों की भावनाओं को, देशवासियों की भावनाओं को समझकर बिना देरी के ऐसी कार्रवाई करेगा, जिससे पूरे देश में यह विश्वास पैदा होगा कि किसानों के साथ न्याय होगा.