राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जादू एक बार फिर सिर चढ़कर बोला. राज्य के स्थानीय निकाय के चुनावों में बीजेपी ने परचम फहराया, वहीं कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया.
राजस्थान में 6 नगर निगम में से 5 में बीजेपी को भारी बहुमत मिला है, जबकि एक में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है. छोटे शहरों के 46 निकायों में से भी 35 पर बीजेपी ने जीत हासिल की, वहीं कांग्रेस केवल आठ निकायों में सिमटकर रह गई, जबकि तीन में निर्दलियों ने कब्जा जमाया.
राजस्थान में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद नगर निकाय चुनावों में भी कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली. राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार के एक साल पूरे होने वाले हैं. वसुंधरा राजे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वो राजस्थान की सबसे लोकप्रिय नेता हैं.
इससे पहले 6 नगर निगम में से पांच बीजेपी के पास थी, लेकिन इस बार सभी पर बीजेपी ने बाजी मारी है. 46 निकायों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस को एकबार फिर बड़ी हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी ने लोकसभा, विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में पार्टी का परचम लहराया है.
प्रदेश में मिली इस बड़ी जीत का श्रेय नेता और पार्टी अध्यक्ष मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कार्यकर्ताओं को दे रहे हैं. बीजेपी का दावा है कि अब प्रदेश में विकास की राजनीति होगी और भ्रष्टाचार को खत्म किया जाएगा.
उपचुनावों में मिली सफलता से कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट बेहद उत्साहित थे और इस बार कड़ी मेहनत की थी, लेकिन परिणाम निराश करने वाले निकले. जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा और उदयपुर में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला है. कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका जोधपुर में लगा है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र में बीजेपी 15 साल बाद पहली बार बोर्ड बनाने जा रही है.
कांग्रेस हार को स्वीकार करते हुए दो महीने बाद होने वाले पंचायती राज चुनाव के लिए दोगुनी मेहनत से जुट जाने की बात कह रही है. कांग्रेस ने हार को जनादेश मानकर कहा है कि पार्टी इस हार से हताशा या निराश नहीं है, लेकिन जनता ने बीजेपी को परखने के लिए मौका दिया है और अब बीजेपी को जनता की उम्मीदों को पूरा करना होगा.
इस बड़ी हार के बाद सचिन पायलट ने कहा, 'हमें उम्मीद के अनुरूप सफलता नहीं मिली है जैसा हमने सोचा था. इसकी समीक्षा करेंगे.' बीजेपी में इस जीत के बाद फिर से जोश भर गया है. कांग्रेस इस हार के बाद फिर पुराने राग अलाप रही है कि हार से निराशा जरूर है, लेकिन हताश नहीं हैं.