कोरोना संकट के बीच बर्ड फ्लू की दस्तक ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. राजस्थान में बर्ड फ़्लू तेज़ी से पैर पसारता जा रहा है. यहां चार दिन में बर्ड फ्लू का ख़तरा 15 ज़िलों तक पहुंच गया है. भोपाल लैब से आई रिपोर्ट में छह ज़िलों में बर्ड फ़्लू से पक्षियों के मरने की पुष्टि हो चुकी है. जयपुर में कौओं के मरने की रिपोर्ट भी राजस्थान सरकार को मिल गई है, जहां पक्षियों की मौत का कारण बर्ड फ्लू बताया गया है.
बर्ड फ्लू तेजी से फैल रहा
आपको बता दें कि राजस्थान में खतरे की घंटी तब सुनाई दी, जब झालावाड़ जिले में कुछ दिन पहले 100 से अधिक पक्षी मृत पाए गए थे. राज्य में अभी तक 800 के आस-पास कौए बर्ड फ़्लू की वजह से मर चुके हैं. घनी आबादी की तुलना में मरे हुए कौए ख़ाली जगह में ज़्यादा मिल रहे हैं. पिछले 48 घंटे में राजस्थान में 350 से ज़्यादा पक्षियों के बर्ड फ्लू से मरने की आशंका जताई जा रही है.
कोटा में 212 मुर्गियां मृत मिलीं
उधर, कोटा के रामगंज मंडी में 212 मुर्गियां मृत मिली हैं, इनकी जांच के लिए 110 मरी हुई मुर्गियों का सैंपल भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में भेजा गया है. चिंता की बात ये है कि अगर पोल्ट्री फ़ार्म में बर्ड फ्लू पहुंच गया तो फिर बड़ा नुकसान हो सकता है. मालूम हो कि राजस्थान के झालावाड़, बारां, हनुमानगढ़, कोटा, जयपुर, बीकानेर, नागौर, पाली, चित्तौड़गढ़ और जैसलमेर में पिछले 24 घंटों में बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हुई है. राज्य में अब तक 1100 से ज़्यादा पक्षियों की मौत का मामला सामने आ चुका है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने बुलाई बैठक
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बर्ड फ्लू के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए मीटिंग बुलाई. जिसमें घाना बर्ड सेंचुरी, सांभर झील और अन्य अभयारण्यों पर विशेष निगरानी रखने के आदेश दिए गए. इसके अलावा लोगों से अपील की गई कि वे मृत पक्षी को देखें तो तुरंत 0141-2374617 या फिर 181 पर सूचना दें. साथ ही जहां पर मृत पक्षी मिल रहे हैं वहां पर धारा 144 लगाने के आदेश दिए गए हैं.
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