राजस्थान के रामगढ़ से बहुजन समाज पार्टी (BSP) के प्रत्याशी जगत सिंह विवादों में घिर गए हैं. सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें वो वोटरों को प्यार से समझाने और बीड़ी व बोतल देने की बात कह रहे हैं. इसमें वो यह भी कह रहे हैं कि अगर वोटर उनको वोट देने को राजी न हो, तो ठोकर मारने की बात कह रहे हैं. जगत सिंह पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे हैं. वो हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) छोड़कर बहुजन समाज पार्टी (BSP) में शामिल हुए हैं.
इस वीडियो में बीएसपी प्रत्याशी जगत सिंह अपने कार्यकर्ताओं से चुनाव प्रचार में जी जान से लगने और मतदाताओं को प्रलोभन देने व धमकाने की सलाह दे रहे है. वो कह रहे हैं, 'पहले लोगों को प्यार से समझाओ, बीड़ी का बंडल दो, बोतल दो. अगर फिर भी न मानें, तो ठोकर (जूते) दो. इसके बाद गाड़ी में बैठो और निकल जाओ.'
इस दौरान उन्होंने रकबर खान हत्या मामले के लिए मेव समाज के नेताओं को जिम्मेदार बताया और कहा कि मेव समाज के नेताओं ने उन्हें समझाया नहीं, इसलिए ऐसे कांड होते है. गाय हमारी माता है और उसका सम्मान उन्हें करना चाहिए. गाय के मामले पर हिंदू कार्ड खेल रहे जगत सिंह के सामने कांग्रेस की प्रत्याशी साफिया खान चुनाव लड़ रही हैं.
रामगढ़ में 28 जनवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके लिए सभी राजनीतिक दल पूरी तैयारी में लगे हुए हैं. एक-दूसरे पर आरोप का सिलसिला जारी है. वहीं, चुनाव मैदान में आने के बाद बसपा प्रत्याशी जगत सिंह लगातार विवादों में बने हुए है. कुछ दिन पहले एके-47 से जवाब देने की बात करने वाले जगत सिंह ने अब कहा कि मुस्लिम भाई हमारे दुश्मन नहीं है. गलती तो उनके नेताओं की है, जो उनको समझा नहीं सके. इसके चलते ही तो रकबर कांड हुआ. प्रशासन को यह काम करना चाहिए. अगर प्रशासन भी यह काम नहीं करेगा, तो हम करेंगे. कांग्रेसी 99 पर कैच आउट हो गए.
इस दौरान जगत सिंह ने भारतीय जनता पार्टी पर भी हमला बोला. भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे जगत सिंह ने सवाल उठाए कि आखिर बीजेपी ने क्या किया? बीजेपी ने न राम मंदिर बनवाया और न ही पाकिस्तान पर हमला किया. केवल नोटबन्दी जैसे गलत कदम उठाए, जिससे महंगाई बढ़ी है. सभी लोग इससे परेशान हुए.
आपको बता दें कि हाल ही में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान रामगढ़ सीट से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी, जिसके चलते इस सीट पर होने वाले चुनाव को टाल दिया गया था और राजस्थान की 200 में से 199 सीटों पर ही मतदान हुए थे. इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था. इसके साथ ही बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई और कांग्रेस ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बना ली. इस चुनाव में कांग्रेस को 99, भारतीय जनता पार्टी को 73 और बीएसपी को 6 सीटों पर जीत मिली थी.