राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक बार फिर सत्ता में वापसी का दावा कर रही हैं. राजे पर अक्सर महारानी और सामंत की तरह बर्ताव करने के आरोप लगते हैं. मुख्यमंत्री ने टीवी टुडे नेटवर्क के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल के साथ इंटरव्यू के दौरान सामंती होने का मतलब समझाते हुए कहा कि वक्त के साथ इसके मायने बदल दिए गए हैं और इसे एक खराब शब्द माना जाने लगा.
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि लोगों को सामंती का मतलब नहीं पता. उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि मेरे मां बाप घर में नहीं रहें, लोगों के बीच में रहते थे, कैंप करते थे. जब कोई घर आता था तो खाली हाथ नहीं जाता था. घर आने वाले हर व्यक्ति के समस्या की सुनवाई होती थी. सामंती का मतलब जनता की परेशानी को अपनी समस्या मानना है.
वसुंधरा राजे ने कहा कि आज भी ग्वालियर में उनके दादा के जमाने में बनवाए गए ताल के पानी से ग्वालियरवासियों की प्यास बुझती है. उनके बनवाए गए कॉलेज आने वाली पीढ़ी को अच्छी शिक्षा देती है. आजादी के समय राज्यों के विलय के दौरान उनके परिवार ने भारत सरकार को 52 करोड़ रुपये दिए. उन्होंने कहा सामंतियों ने जनता के बीच रह कर काम किया इसीलिए लगातार चुनाव जीतते आए.
बुधवार को राजधानी जयपुर में इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कार्यक्रम में सम्मानित तमाम महिलाओं को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी.
इस कार्यक्रम में डिस्कस थ्रोवर कृष्णा पूनिया ने शिरकत की. कृष्णा ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि जबतक किसी खेल में कोई खिलाड़ी गोल्ड मेडल लेकर नहीं आता तबतक उसे सरकार की तरफ से कोई फंड या मदद नहीं मिलती है.
वहीं कार्यक्रम में एक्ट्रेस रत्ना शाह पाठक ने शिरकत की. रत्ना शाह ने बॉलीवुड और टेलीवीजन की दुनिया के बारे में अपनी बात रखी. एक्ट्रेस यामी गौतम ने आईएएस बनने के सपने से एक स्टार बॉलीवुड हिरोइन बनने की यात्रा के बारे में बताया.