राजस्थान में चुनावी शंखनाद हो चुका है. कांग्रेस और बीजेपी अपने अपने तरीके से मतदाताओं को लुभाने में लगी हैं. एक तरफ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान गौरव यात्रा के माध्यम से हर विधानसभा सीट पर पहुंचने का प्रयास कर रहीं हैं. तो वहीं कांग्रेस संकल्प रैली के माध्यम से राजे सरकार की कमियों को उजागर करने में लगी है.
राजस्थान की राजनीति में मेवाड़-वागड़ क्षेत्र का अहम स्थान है. डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और उदयपुर का कुछ क्षेत्र वागड़ कहलाता है. डूंगरपुर जिले की आसपुर विधानसभा की बात करें तो क्षेत्र यह उदयपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाला अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल आबादी 341140 है और यह पूरा क्षेत्र ग्रामीण है.
आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला की आसपुर विधानसभा सीट में कुल आबादी का 63.07 फीसदी अनुसूचित जनजाति और 4.08 फीसदी अनुसूचित जाति की जनसंख्या है. 2017 की वोटर लिस्ट के अनुसार यहां कुल मतदाताओं की संख्या 237020 है और 269 पोलिंग बूथ हैं.
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में आसपुर विधानसभा में 66.7 फीसदी मतदान हुआ था, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में 58.52 फीसदी मतदान हुआ था.
2013 विधानसभा चुनाव का परिणाम
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के गोपी चंद मीणा ने कांग्रेस के तीन बार से विधायक राईया मीणा को 10504 मतों से पराजित किया. बीजेपी के गोपी चंद मीणा को 69236 और कांग्रेस के राईया मीणा को 58732 वोट मिले थे.
2008 विधानसभा चुनाव का परिणाम
साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक राईया मीणा ने बीजेपी की प्रकृति खराड़ी को 14547 मतों से शिकस्त दी. प्रकृति खराड़ी फिलहाल मौजूदा वसुंधरा सरकार में राजस्थान अनुसूचित जनजाति आयोग की अध्यक्ष हैं. कांग्रेस के राईया मीणा को 2008 विधानसभा चुनाव में 59159 और बीजेपी की प्रकृति खराड़ी को 44612 वोट मिले थे.